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आदित्य संयुक्त संचालक बिलासपुर के निर्देशों का खुला चुनौती दे रहे हैं,जिला शिक्षा अधिकारी एन.के. चंद्रा।

आदित्य संयुक्त संचालक बिलासपुर के निर्देशों का खुला चुनौती दे रहे हैं,जिला शिक्षा अधिकारी एन.के. चंद्रा*

 

कृष्णा पांडे की रिपोर्ट,

गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले में अधिकारी राज किस स्तर तक हावी है इसकी बानगी अमूनन हर जगह देखने को मिलती है। पंचायत ,राजस्व, वन विभाग सहित अब शिक्षा विभाग में भी यह अब आम हो गई है। जिले में शिक्षा विभाग का ये आलम है की यहां डीपीआई /जेडी के आदेश को जिला शिक्षा अधिकारी नही मानते ,लोक शिक्षण संचालनालय का स्पष्ट आदेश है कि किसी शिक्षक से गैर शिक्षकीय कार्य नहीं कराया जाए।

लोक शिक्षण संचालक ने आदेश जारी कर प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि अगर शिक्षक किसी दूसरे स्कूल या अन्य विभाग में अटैच हैं तो उन्हें तत्काल उनकी मूल संस्थाओं में भेजा जाए। राज्य शिक्षा केंद्र के आदेश के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रा ने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगा रखा है।

डीईओ कार्यालय में मनीष लांझेकर लंबे समय से अटैच

जिला शिक्षा कार्यालय में मनीष लांझेकर लंबे समय से अटैच हैं। कई अधिकारी आए और चले गए, लेकिन इन्हें कोई नहीं हटा सका। मरवाही के रूमगा मिडिल स्कूल में मूल संस्था होने के बावजूद मनीष कई वर्षों से जिला कार्यालय में काम काज देख रहे है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो मनीष लांझेकर को सेजश(स्वामी आत्मानंद स्कूलो) का जिला प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा बनाया गया है जो की पूर्णता नियम विरुद्ध है, इसको लेकर लगातार सवाल उठ रहा है की शिक्षक मूल रूप से किस संस्था में पदस्थ हैं। इनका अटैचमेंट कब से किया गया है और किसकी अनुमति से किया गया है। इसी तरह इन शिक्षकों का वेतन कहां से आहरित किया जा रहा है।

“शिक्षा विभाग का आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित”

शिक्षा विभाग में राज्य में शिक्षा विभाग की बदनामी का दाग धोने के लिए शिक्षकों के अटैचमेंट खत्म करने का आदेश जारी कर दिया गया है। हालांकि कहा जा रहा है कि यह आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित रहेगा। बहुत से अटैच शिक्षक पढ़ाना छोड़कर कम्प्यूटर कार्य के बहाने अटैचमेंट में चल रहे हैं और दफ्तर का काम निपटा रहे हैं। ऐसे में इन शिक्षकों को रिलीव करने पर भी सवाल उठ रहे हैं। वही मनीष लांझेकर को रिलीव करने के लिए संयुक्त संचालक बिलासपुर के द्वारा निर्देशित किया गया है उसके बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी रिलीव करने से इंकार करते नजर आ रहे है,सूत्रो की माने तो अटैच मेंट के इस खेल में जमकर भारी रकम का लेनदेन किया गया है जिसके वजह से ही मनीष लांजेकर को कार्यालय में अटैच करने के साथ साथ जिला सेजश प्रभारी नियुक्त किया गया है,

डीईओ का कहना है की कंप्यूटर कार्य के किए कर्मचारी नही होने की कारण मनीष को कार्यालय अटैच करके रखा गया है जबकि सोचनीय विषय है की पेंड्रा और गौरेला विकाश खंड अंतर्गत किसी ऐसे शिक्षक को अटैच किया जा सकता है जिससे की शिक्षकीय कार्य के साथ साथ कार्यालय का कार्य भी हो सके फिर …मरवाही के रूमगा में पदस्थ शिक्षक मनीष को ही अटैच करके कार्य करवाना समझ से परे है, ये कही न कही जिला विभाग में चल रहे सिंडीकेट को प्रदर्शित करता है

विचारणीय ये है कि जिस जिले में जिला शिक्षा अधिकारी की ये स्थिति हो वहां शिक्षण व्यस्था का क्या हाल होगा।

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