स्वामी आत्मानंद हिन्दी/अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय चांपा में पोषक मिलेट्स आहार पर व्याख्यान आयोजित।

स्वामी आत्मानंद हिन्दी/अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय चांपा में पोषक मिलेट्स आहार पर व्याख्यान आयोजित।

स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय चांपा में संस्था के प्राचार्य निखिल मसीह के निर्देशन में शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश में चलाए जा रहे पोषक मिलेट्स पर व्याख्यान आयोजित किया गया। जिसके तहत प्राचार्य ने हिंदी/अंग्रेजी माध्यम के साथ छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मिलेट्स की पौष्टिकता और उसके फायदे को देखते हुए फिर से उसके महत्व लोगों तक पहुंचाने की कोशिश सरकारों द्वारा की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। प्राचार्य महोदय ने कहा कि सामान्यत मोटे अनाज वाली फसलों जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, कोदों कुटकी को मिलेट्स क्राफ्ट कहा जाता है। इनमें पोषक तत्व अन्य अनाजों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में होते हैं।

हमें अपने दैनिक जीवन में मोटे अनाजों का अधिक उपयोग करना चाहिए। इन पौष्टिक अनाजों के सेवन से हम हमेशा स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बने रहेंगे।

पोशाक मिलेट्स अनाज के संबंध में अपने व्याख्यान में शिक्षक रविन्द्र द्विवेदी ने कहा कि आज हम सभी के जीवन में मिलेट्स अनाज का उपयोग अत्यंत जरूरी है इनके नित्य सेवन से हम हमेशा स्वस्थ रहेंगे।
हमारा छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है जहां शासन के द्वारा मिलेट्स अनाज को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में मिलेट्स की खेती के लिए राज्य को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज एवार्ड 2022 भी मिल चुका है। आगे छात्रों को जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की कांकेर के जिले में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है। हमारे प्रदेश में आंगनबाड़ी और स्कूलों में बच्चों को मध्यान भोजन में मिलेट्स अनाज को सम्मिलित किया गया है। जो बच्चों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अत्यंत हितकारी है।
पोशाक मिलेट्स पर आयोजित व्याख्यान अवसर पर व्याख्याता श्रीमती निमिषा जेम्स ने कहा कि मिलेट्स अनाज कोदो, खुटकी और रागी को प्रोटीन व विटामिन युक्त अनाज माना गया है। इसको खाने से शुगर बीपी जैसे रोग नहीं होता है। हमारे खान-पान में मिलेट्स अनाज का महत्वपूर्ण स्थान है हमें अपने दैनिक आहार में इसे अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर उपस्थित हेल्थ केयर के प्रशिक्षक मनोज बघेल ने बताया कि मोटे अनाज स्वाद और सेहत का खजाना है। इसको खाने से हम बीमार नहीं पड़ते हैं और हमेशा स्वस्थ रहते हैं। यह एक ऐसा अनाज है जिसके उत्पादन में गेहूं, चांवल के उत्पादन से कम खर्च आता है। मिलेट्स अनाज की खेती में कम पानी, कम खाद व उर्वरक की जरुरत पड़ती है। जिसके फलस्वरुप इसकी खेती में लागत बहुत कम आती है और किसानों को लाभ भी ज्यादा होता है।
आयोजित व्याख्यान अवसर पर आई टी विभाग के कुशल प्रशिक्षक सत्यम साहू के द्वारा उपस्थित शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को स्मार्ट बोर्ड /टीवी के माध्यम से विभिन्न प्रकार के मिलेट्स अनाजों को सचित्र प्रदर्शित किया गया और उसके फायदे भी बतायें गए।
मिलेट्स अनाज के उपयोगिता पर शिक्षक उमाशंकर चतुर्वेदी,राजेश कुमार उपाध्याय, सोमनाथ पाण्डेय, गोविंद नारायण शर्मा द्वारा रोचक एवं उपयोगी जानकारी प्रदान किया गया। जिससे विद्यालय के सभी छात्र छात्राएं लाभांवित हुए।

पोषक मिलेट्स अनाज पर आयोजित व्याख्यान में विद्यालय के वरिष्ठ व्याख्याता भास्कर शर्मा,आर पी मरकाम, श्रीमति, सीमा राठौर,श्रीमति रीतू सिंह,श्रीमति सविता महिलांग, श्रीमती पिंकी पायल मेश्राम, सचिनदेव बर्मन,आर के तम्बोली, विजय यादव सहित सभी स्टाफ एवं छात्र-छात्रायें बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

उक्ताशय की जानकारी शिक्षक रविन्द्र द्विवेदी ने दी है।

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