एसडीएम के बदलते ही किसी  स्थानीय बिल्डर को फायदा पहुंचाने दोबारा खेला वहीं खेल।

एसडीएम के बदलते ही किसी  स्थानीय बिल्डर को फायदा पहुंचाने दोबारा खेला वहीं खेल,जिसे तत्कालीन एसडीएम ने रोक लगा दी थी, जानिए क्या है पूरा मामला

द सिटी वॉच का दूसरी कड़ी

 

जिला रिपोर्ट राजेंद्र प्रसाद जायसवाल

जांजगीर चांपा। तत्कालीन एसडीएम और सीएमओ के यहां से हटते ही व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने फिर से जिम्मेदारों ने दोबारा वहीं खेल खेला, जिसे दो साल पहले तत्कालीन एसडीएम ने रोक दिया था। अभी फिर से अपने अधिकार से बाहर जाकर जहां नगरपालिका से अनापत्ति जारी हुआ तो वहीं इसी अनापत्ति के सहारे कलेक्टर ने भी अनापत्ति दे दिया और फिर राज्य सरकार ने इस पर मुहर लगा दी। दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश है जल मद में दर्ज भूमि पर निर्माण नहीं किया जा सकता। मामला हाईकोर्ट पहुंचने के बाद जनहित में फैसला आ सकेगा।

दस्तावेजों के मुताबिक, पूरा मामला चांपा का है, जहां दो साल पहले चांपा के तत्कालीन एसडीएम ने जिस शासकीय नजूल भूमि खसरा नंबर 169 पर स्थित नाले के अस्तित्व को समाप्त करने बनाई जा रही कच्ची सड़क को तत्काल बंद कराते हुए पूर्व की अवस्था में लाने का आदेश जारी किया था, उसी नाले में फिर से चमचमाती सड़क बनकर तैयार है। खास बात यह है कि शासकीय नजूल भूमि खसरा नंबर 169 रकबा 0.56 एकड़ राजस्व अभिलेख में पानी के नीचे मद में दर्ज है। मिसल बंदोबस्त में भी पानी के नीचे मद में दर्ज है। इसके अलावा खसरा नंबर 169 रामबांधा तालाब के अंतिम सिरे से ग्राम कुरदा तक नाली बनी है, जो निस्तार पत्रक में नाला दर्ज है।

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