*जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय जांजगीर की प्रत्येक सरकारी राशन दुकानों में दलाल सक्रिय चावल की हेराफेरी हो रही और अधिकारी मेहरबान है*
जिला जांजगीर चांपा रिपोर्ट राजेंद्र प्रसाद जायसवाल
जिला जांजगीर चांपा। के मुख्यालय जांजगीर की प्रत्येक सरकारी राशन दुकानों में दलाल सक्रिय चावल की हेराफेरी हो रही और अधिकारी मेहरबान है ये हालात ऐसे हैं कि शहर की 90 प्रतिशत से ज्यादा सरकारी राशन दुकानों के सामने चावल दलाल सक्रिय हैं, जो कि यहां आने वाले हितग्राहियों से चावल कम कीमत में खरीदते हैं और इसे अधिक कीमतों में राइस मिलर्स को बेचते हैं।
जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय जांजगीर के कुछ राशन दुकानों के सेल्समैन ही इसका राशन खरीद रहे हैं, जबकि शासन की ओर से आदेश जारी कर सरकारी चावल की अवैध खरीदी-बिक्री पर दंडात्मक कार्रवाई के आदेश जारी किए थे, इसके बावजूद जिला प्रशासन की पकड़ में अब तक एक भी दलाल नहीं आए हैं। बता दें कि जिला मुख्यालय जांजगीर में संचालित शासकीय राशन दुकानों में कार्डधारियों से सरकारी चावल 22 से 25 रुपए में खरीदकर दलालों द्वारा इसे राइस मिलों को सप्लाई किया जा रहा है। बताया जाता है कि खाद्य विभाग की जांच के दायरे में कुछ राशन दुकान संचालक भी हैं। दुकान संचालक भी खुद ही दुकानों में कार्डधारियों को चावल के बदले पैसे दे रहे हैं।
ऐसा चलता है मुफ्त से 35 रुपए तक का खेल
शहर की प्रत्येक सभी सरकारी राशन दुकानों के सामने राइस मिलर्स के दलालों का डेरा जमा हुआ है। करीब 90 प्रतिशत दुकानों के सामने दलाल मौजूद होते हैं, जो पीडीएस से उपभोक्ताओं को फ्री मिलने वाला चावल 22-26 रुपए प्रति किलो की दर पर खरीदते हैं और उसे करीब 35 रुपए प्रति किलो की दर पर मिलरों को बेच देते हैं। फिर यही चावल मिलिंग कर 60 रुपए में बेचा जाता है।
*चावल का हराफेरी करने वाले पर इस तरह की कार्यवाही का है प्रविधान है*
(1) राशन कार्डधारियों द्वारा चावल बेचे जाने पर राशन कार्ड रद्द करने की कार्यवाही किया जा सकता है
(2) चावल को खरीदने वालों पर एफ आई आर व खाद्य अधिनियम के तहत कार्यवाही किया जा सकता है
(3) सरकारी दुकानदार द्वारा चावल खरीदने की शिकायत पर दुकानदार तत्काल सस्पेंड करके उसके विरुद्ध एफ आई आर होना
(4) सरकारी चावल का अवैध परिवहन करते वाहन पकड़े जाने पर वाहन जब्ती की होनी चाहिए अधिकतम सात वर्ष की सजा का प्रविधान
शासन द्वारा सरकारी राशन की खरीद फरोख्त को बंद करने के लिए कड़े नियम बनाए हैं, जिसके तहत अगर बिचैलिया या फिर कोई भी दुकानदार राशनकार्ड धारकों की सामग्री खरीदता है, तो उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 व आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 के तहत कार्यवाही करने का नियम है, जिसमें अधिकतम सात साल तक की सजा का प्रविधान भी किया गया है।