[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="यह खबर हिंदी आडिओ में सुने "]

एकता,सब धर्म समभाव,प्रगति,शांति और खुशहाली,भारत ही विश्व गुरु—प्रदेश प्रवक्ता सिंह।

 

एकता,सब धर्म समभाव,प्रगति,शांति और खुशहाली,भारत ही विश्व गुरु—प्रदेश प्रवक्ता सिंह

कृष्णा पांडे,

छत्तीसगढ़ प्रादेशिक मानव संसाधन विकास समिति के प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री(प्रभारी झारखंड राज्य) बिरेंदर सिंह ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि मानव संसाधन विकास समिति प्रदेश तथा राष्ट्र के संस्कृति के संरक्षण के लिए दृढ़ संकल्पित है तथा विधि अधिकारी श्री एस एन पटेल जी की अध्यक्षता में कार्य कर रही है।उन्होंने आगे कहा की आज सम्पूर्ण राष्ट्र गुरु गोविंद सिंह महाराज जैसे राष्ट्र भक्त महापुरुष का जन्मदिन मना रहा है,जिन्होंने अपने पिता और पुत्र दोनों को इस राष्ट्र के लिए खोया इस त्याग का कोई मोल नहीं लगा सकता,राष्ट्र की रक्षा के लिए कुछ हिंदू भाइयों को योद्धा स्वरूप में परिवर्तित कर सिख बनाया और गुरुग्रंथ साहिब जिसमें भगवान नारायण को पार ब्रह्म,कमलापति,शिवा,हर आदि नाम से महिमा बखान की”दे शिवा वर मोहे इहेय,शुभ कर्मन ते कभो न टरो” को ही अपना धर्म मान राष्ट्र की सेवा की।श्री सिंह ने आगे बताया प्राचीन समय से ही हमारे राष्ट्र ने सभी अच्छाइयों को अपनाया है और सभी धर्म ,पंथ मजहब के प्रति सर्व धर्म समभाव रखा है,तथा इस राष्ट्र की मिट्टी से समय समय पर ऐसे अवतारी महापुरुष निकले जिनके बलिदान ने इतिहास में अपनी जगह बनाई और कालांतर में नेता जी सुभाष चंद्र बोस,गुरु गोविंद सिंह जी, छत्रपति शिवाजी जी,महाराणा प्रताप जी,मंगल पांडे जी,भगवान बिरसा मुंडा जी,रानी वेलु नेचीयार,वीर अब्दुल हमीद ,सिस्टर निवेदिता ,मदर टेरेसा जैसे कई नाम और गुमनाम योद्धा हुए, जो की इस पावन राष्ट्र के सनातन संस्कृति के “सर्वे भवन्तु सुखिन ” विश्व मंगल के भावना से प्रभावित हुए और इस राष्ट्र के पुत्र /पुत्री के रूप में अपने आप को समर्पित किया।श्री सिंह ने ये भी कहा की भारत ही पूरे विश्व का एक मात्र राष्ट्र है जो अनेकता में भी एकता चाहता है और सब का सम्मान करता है,पूरे विश्व को अपने वेदों उपनिषदों से बहुत कुछ सिखाता भी है और विश्व मंगल की कामना भी करता है इसलिए स्वमेव ही विश्व गुरु की भूमिका बन जाती है जो की राष्ट्र रक्षा के लिए समय आने पर असंख्य बलिदानी योद्धाओं को तैयार कर अपनी अजेय प्राक्रम का परिचय भी शत्रुओं को देता है,तथा विश्व का तेजी से उभरता हुई अर्थव्यवस्था भी भारत ही है,जो पुनः विश्व स्तर पर स्थापित हो रहा है, जिसमे हम सब को अपना अपना योगदान निष्ठा के साथ देना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *