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छत्तीसगढ़ का एक अजूबा धान उपवर्जन केंद्र जहां आज भी रात में होती है खरीदी…

*जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही छत्तीसगढ़*

संवाददाता गौरेला पेंड्रा,

*छत्तीसगढ़ का एक अजूबा धान उपवर्जन केंद्र जहां आज भी रात में होती है खरीदी*


जैसे कि हम सब जानते हैं नवंबर फर्स्ट से लेकर जनवरी लास्ट तक धान खरीदी किया जाता है उसके बाद किसानों से धान लेना बंद कर दिया जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ऐसा अजूबा धान उपकेंद्र है जहां अभी भी रात में धान खरीदा जा रहा है जो मरवाही क्षेत्र के परासी गांव उपकेंद्र का मामला है
जी हा कई दिनों से परासी धान उपकेंद्र के प्रबंधक शेषनारायण दुबे के द्वारा कुछ दिनों से लगा तार पिकप वाहन द्वारा धान को रात में मंगवाया जा रहा था यह सिलसिला कई दिनों से चल रहा था कल भी प्रबंधक शेषनारायण दुबे के द्वारा दो से तीन पिकअप धान शाम को मंगवाया गया जिसकी जानकारी मिलने पर गांव का ही एक व्यक्ति जवाहर केवट के द्वारा अवैध धान परिवहन को पकड़ा गया जिसमें एक पिकअप उनको ठोकर मारते हुई निकल गई लेकिन दूसरा पिकअप को उनके द्वारा पकड़ लिया गया लेकिन प्रबंधन के दादागिरी के कारण धान को पिकअप से खाली कर उसे शासन की बोरी में धान को शिफ्ट कर दिया गया ग्रामीण के पूछे जाने पर भी कि ऐसा क्यों किया जा रहा है तब प्रबंधक ने अपने जवाब में कहा कि हमें ऊपर से अधिकारियों का आदेश है इसलिए ऐसा किया जा रहा है जिसको बताना हो बता दो जिसकी जानकारी परासी निवासी जवाहर केवट के द्वारा पत्रकारों को सूचना दिया गया जिसकी सूचना पर पत्रकार के द्वारा प्रबंधक से पूछा गया कि किसके आदेश से आप ऐसा कर रहे हैं तो पत्रकार को रॉब दिखाते हुए कहा कि जिसको बताना है बता दो हमें ऊपर से आदेश है इस बात को सुनकर पत्रकार के द्वारा इसकी जानकारी मरवाही तहसीलदार शेषनारायण जायसवाल को फोन के माध्यम से दिया गया लेकिन तहसीलदार मरवाही के द्वारा यह कहकर पल्ला झाड़ दिया गया कि जब धान खरीदी शुरू होता है और धान खरीदी के अंतिम तक ही हमारा वहां का दायित्व रहता है इसके बाद ऊपर के अधिकारी देखते हैं ऐसा कह कर उन्होंने उच्च अधिकारी को जानकारी देने की बात कही जानकारी देने के करीबन 3 घंटे बाद भी कोई अधिकारी धान उपवर्धन केंद्र परासी में नही पहुंच पाए फिर इसके बाद इसकी जानकारी सीधे जीपीएम कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मडावी को दिया गया इसके बाद से ही प्रशासनिक अमले के अधिकारी परासी धान उपकेंद्र पहुंचकर पंचनामा बनाकर 80 बोरी धान को जपती की कार्यवाही की गई और इसकी जांच की जाएगी यह आश्वासन दिया गया अब देखना यह होगा कि शासन को चूना लगा रहे परासी धान उपार्जन केंद्र के प्रबंधक शेष नारायण दुबे पर किस प्रकार की कार्यवाही की जाएगी?

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