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दो कमरे में संचालित विद्यालय को दी संबद्धता, प्रभारी कुलसचिव की भूमिका संदेह के घेरे में…

दो कमरे में संचालित विद्यालय को दी संबद्धता, प्रभारी कुलसचिव व कुलपति की भूमिका संदेह के घेरे में…
 अटल यूनिवर्सिटी ने दो कमरे में संचालित विद्यासागर महाविद्यालय रतनपुर को हाल ही में संबद्धता  दी है, जब की किसी भी विद्यालय को संचालित करने के लिए एक मापदंड बनाया गया है, जिसे यह विद्यालय पूरा नहीं करता,यूनिवर्सिटी द्वारा जांच समिति बनाई जाती है जांच समिति मौके पर पहुंच कर विद्यालय का जांच करती है इसके बाद ही संबद्धता दी जाती है, लेकिन इस महाविद्यालय को बिना जांच किए ही संबद्धता प्रदान की गई है जिसमें अब अटल बिहारी यूनिवर्सिटी के कुल सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे हैं
 अटल यूनिवर्सिटी के कुलसचिव की  नियुक्ति भी नियम विरुद्ध,
 नियम बिरुद्ध  कुलसचिव की नियुक्ति व भ्रष्टाचार को लेकर NSUI  ने दिया था ज्ञापन,
छत्तीसगढ़  राजकीय विश्वविद्यालय जैसे पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर और अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर में कुलसचिव (Registrar) नियुक्ति का अधिकार नहीं होने के बाद भी कुलपति ने उप कुलसचिव को दिया कुलसचिव का प्रभार, जिन्हें दिया प्रभार उनकी उप कुलसचिव के पद पर नियुक्ति एवं पदोन्नति है अवैध, राजभवन, मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री और सचिव को की गई है शिकायत, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका भी है दायर
 उच्च शिक्षा विभाग में सहायक कुलसचिव से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति में भर्राशाही । राजपत्रित, प्रथम श्रेणी स्तर के सहायक कुलसचिव पद को नियम विरुद्ध द्वितीय श्रेणी बताकर उप कुलसचिव के पद पर कर दिया पदोन्नत ।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 के नियम 4 (2) एवं नियम 7 तथा छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा-18 (क) के प्रावधान का भी उल्लंघन. किया गया है,
8 माह के भीतर दो बार विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित कर 4 सहायक कुलसचिव को उप कुलसचिव के पद पर कर दिया पदोन्नत,
छ.ग. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, रायपुर द्वारा वर्ष 2014 एवं वर्ष 2020 में जारी विज्ञापन अनुसार उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य विश्वविद्यालय सेवा के सहायक कुलसचिव पद को छठवें वेतनमान में रुपये 15600 – 39100 + 6600 ग्रेड पे (सातवें वेतनमान में वेतन मैट्रिक्स में लेवल 13) को राजपत्रित, प्रथम श्रेणी निर्धारित किया गया, परंतु  वर्ष 2021 एवं वर्ष 2022 में पदोन्नति के लिए उच्च शिक्षा विभाग से तैयार किए गए विभागीय प्रस्ताव में सहायक कुलसचिव के पद को द्वितीय श्रेणी मानकर छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 के नियम 4 (1) एवं नियम 6 के अनुसार वरिष्ठता सह उपयुक्तता के नियम के अनुसार पदोन्नति की कार्यवाही की गई , जबकि छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 के नियम 4 (2) एवं नियम 7 के अनुसार प्रथम श्रेणी से प्रथम श्रेणी के उच्चतर पद पर पदोन्नति के लिए योग्यता सह वरिष्ठता का है प्रावधान ।
 छ.ग. शासन, उच्च शिक्षा विभाग में वर्ष-2021 एवं वर्ष-2022 में सहायक कुलसचिव से उप कुलसचिव के पद पर त्रुटिपूर्ण पदोन्नति करने का मामला प्रकाश मे आया है । पुख्ता जानकारी और दस्तावेजों के अनुसार वर्ष 2021 और 2022 में सहायक कुलसचिव की उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति हेतु उच्च शिक्षा संचालनालय के विशवविद्यालय प्रकोष्ठ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा त्रुटिपूर्ण विभागीय प्रस्ताव तैयार किया, जिसके अनुसार छ.ग. शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री टामन लाल सोनवानी की अध्यक्षता में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित कर छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 के प्रावधानों के विपरीत ही पूरी प्रक्रिया को संपन्न हुआ, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा आनन्-फानन में विभागीय मंत्री  उमेश पटेल से अनुमोदन कराकर पदोन्नति आदेश जारी कर दिया गया। छ.ग. शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित विभागीय पदोन्नति समिति में स्वयं उच्च शिक्षा विभाग के सचिव, उप सचिव एवं आयुक्त, उच्च शिक्षा संचालनालय भी सदस्य रहे हैं. वर्ष 2021 में माह नवंबर में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित कर दो सहायक कुलसचिव  अंताराम चौरे एवं  राजेन्द्र कुमार चौहान को उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नत किया गया. इसी प्रकार, वर्ष 2022 के माह जून में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित कर दो सहायक कुलसचिव  शैलेन्द्र दुबे एवं  सौरभ शर्मा को उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नत किया गया । इस मामले मे खास बात यह कि वर्ष 2021 में सहायक कुलसचिव से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति के लिए त्रुटिपूर्ण विभागीय प्रस्ताव तैयार कर पदोन्नति में जो गलती कि गई थी, उसके संबंध में माह फरवरी एवं मार्च 2022 में एक सहायक कुलसचिव से सप्रमाण शिकायत प्राप्त होने के बाद भी पुन: वर्ष 2022 में वही गलती की गई?
जानकारों की माने तो उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सहायक कुलसचिव के पद से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति हेतु प्रेषित विभागीय प्रस्ताव में सहायक कुलसचिव पद को प्रथम श्रेणी के स्थान पर द्वितीय श्रेणी मानकर पदोन्नति की कार्यवाही की गई है, जबकि छ.ग. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, रायपुर द्वारा वर्ष 2014 एवं वर्ष 2020 में जारी विज्ञापन अनुसार उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य विश्वविद्यालय सेवा के सहायक कुलसचिव पद को छठवें वेतनमान में रुपये 15600 – 39100 + 6600 ग्रेड पे (सातवें वेतनमान में वेतन मैट्रिक्स में लेवल 13) को राजपत्रित, प्रथम श्रेणी निर्धारित किया गया है. दिनांक 31-12-2021 को जारी पदोन्नति आदेश में जिन दो सहायक कुलसचिव को उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नत किया गया है, उन्हें भी पूर्व में वर्ष 2013 में कक्ष अधिकारी से सहायक कुलसचिव के पद पर पदोन्नत करते हुए वेतनमान 15600 – 39100 + 6600 ग्रेड पे प्रदाय किया जा रहा था । छ.ग. शासन के अन्य प्रशासकीय विभागों जैसे सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त विभाग, संचालनालय कोष, लेखा एवं पेंशन आदि में छठवें वेतनमान में रुपये 15600 – 39100 + 6600 ग्रेड पे (सातवें वेतनमान में वेतन मैट्रिक्स में लेवल 13) के पद जैसे अवर सचिव, उप संचालक, स्टाफ ऑफिसर, संयुक्त कलेक्टर आदि पदों को राजपत्रित, प्रथम श्रेणी निर्धारित किया गया है.
छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सहायक कुलसचिव के पद (वेतनमान 15600-39100 + 6600 ग्रेड पे) एवं उप कुलसचिव के पद (वेतनमान 15600-39100 + 7600 ग्रेड पे) राजपत्रित, प्रथम श्रेणी के रूप में निर्धारित एवं वर्गीकृत किया गया है. छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सहायक कुलसचिव के पद से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति हेतु प्रेषित विभागीय प्रस्ताव में सहायक कुलसचिव पद को प्रथम श्रेणी के स्थान पर द्वितीय श्रेणी मानकर छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 यथासंशोधित के नियम 6 “वरिष्ठता-सह-उपयुक्तता” (Seniority-cum-Merit) के अनुसार पदोन्नति की कार्यवाही की गई है, जो कि त्रुटिपूर्ण है एवं पदोन्नति नियम के नियम 4 (2) एवं नियम 7 के प्रावधान के विपरीत है I जबकि छत्तीसगढ़ लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 के नियम 4 (2) के अनुसार प्रथम श्रेणी से प्रथम श्रेणी के उच्च वेतनमान के पदों पर पदोन्नति “योग्यता-सह-वरिष्ठता” (Merit-cum- Seniority) के आधार पर किये जाने का सुस्पष्ट प्रावधान है I
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा 18 (क) के प्रावधानानुसार अधिनियम की धारा 11 के खण्ड 6 के अंतर्गत आने वाले अन्य अधिकारियों के पदों को अधिनियम की धारा 15 (ग) के अधीन गठित राज्य विश्वविद्यालय सेवा में सम्मिलित कर लिए जाने पर, अधिनियम की धारा 18 के उपबंध ऐसे अन्य अधिकारियों के संबंध में लागू नहीं रह जायेंगे I इसका आशय यह है कि छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा 15 (ग) के अधीन छत्तीसगढ़ राज्य विश्वविद्यालय सेवा नियम, 1983 के अनुसार राज्य विश्वविद्यालय सेवा का गठन किये जाने के पश्चात् से इस सेवा के अंतर्गत आने वाले पदों पर कार्यरत अधिकारियों के नियुक्ति, सेवा की शर्ते, उनकी शक्ति एवं कर्त्तव्य आदि के संबंध में परिनियमों, अध्यादेशों या विनियमों के प्रावधान लागू नहीं होते है I उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत सहायक कुलसचिव की उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति हेतु तैयार किये गये विभागीय प्रस्ताव नियम विरुद्ध और त्रुटिपूर्ण था, जिसमें 9 सहायक कुलसचिवों के नाम सम्मिलित किये गये थे I पदोन्नति हेतु विचारण क्षेत्र में सम्मिलित किये गये 9 सहायक कुलसचिव में से 7 सहायक कुलसचिव का छ.ग. सिविल सेवा (पदोन्नति) नियम, 2003 के अनुसार विचारण क्षेत्र में सम्मिलित सेवकों के 5 वर्षों के गोपनीय चरित्रावली पदोन्नति हेतु देखे जाने की व्यवस्था अनुसार दिनांक 01.01.2021 की स्थिति में इनके 5 वर्षो के गोपनीय चरित्रावली नहीं थे I
उप कुलसचिव के पद पर अंतिम से रूप से विचार के किये गये सहायक कुलसचिव  राजेन्द्र कुमार चौहान का वर्ष 2021 का गोपनीय प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं होने, वर्ष 2021 की स्थिति में अन्य सहायक कुलसचिव  हिमांशु शेखर मंडावी और  देव चरण गावड़े का न्यूनतम सेवा अवधि 5 वर्ष नहीं थे I हिमांशु शेखर मंडावी व  देव चरण गावड़े का सहायक कुलसचिव के पद पर न्यूनतम 5 वर्ष का अनुभव नहीं होने, विगत 5 वर्ष के गोपनीय प्रतिवेदन, संनिष्ठा प्रमाण पत्र, विभागीय/न्यायालयीन जाँच न होने का प्रमाण पत्र नहीं होने और अचल संपत्ति विवरण नहीं होने के बाद भी पदोन्नति हेतु विचार के लिए उच्च शिक्षा संचालनालय द्वारा प्रस्ताव तैयार कर विभागीय पदोन्नति समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया I वर्ष 2022 में पदोन्नति के लिए तैयार किये गये विभागीय प्रस्ताव में सहायक कुलसचिव श्री हिमांशु शेखर मंडावी और श्री देव चरण गावड़े का न्यूनतम सेवा अवधि 5 वर्ष नहीं होने के कारण नाम सम्मिलित नहीं किया गया था.
बताया जा रहा है कि विभागीय प्रस्ताव में त्रुटिपूर्ण सत्यापन किया गया है कि भर्ती नियम अद्यतन है और इसमें वरिष्ठता सह उपयुक्तता का प्रावधान है, पदोन्नति द्वितीय श्रेणी से प्रथम श्रेणी के लिए है I छत्तीसगढ़ राज्य विश्वविद्यालय नियम, 1983 में दिनांक 27-12-2011 द्वारा किये गये संशोधन पश्चात् स्थापित 3 नवीन विश्वविद्यालयों यथा 1. अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर (स्थापना वर्ष 2012) 2. हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग (स्थापना वर्ष 2015) एवं 3.शहीद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय, रायगढ़ (स्थापना वर्ष 2020) के लिए स्वीकृत सेटअप में कुलसचिव, उप कुलसचिव एवं सहायक कुलसचिव के पदों को छत्तीसगढ़ राज्य विश्वविद्यालय सेवा नियम, 1983 में संशोधन कर समाहित नहीं किया गया है I भर्ती नियम में संशोधन किये बिना और किये गये संशोधन को छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 के सुसंगत धाराओं के अनुसार विधानसभा से पारित कराये बिना की गई कार्यवाही अवैधानिक है, नियम विरुद्ध है,
इस पूरे प्रकरण में उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत ओ.एस.डी. डॉ. राजलक्ष्मी सेलट और अपर सचिव श्री ए. आर. खान  उच्च शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों और विश्वविद्यालय प्रकोष्ठ के कर्मचारी श्री आकाश दुबे द्वारा पदोन्नत सहायक कुलसचिवों को लाभ पहुँचाने के लिए नियम विरुद्ध एवं त्रुटिपूर्ण विभागीय प्रस्ताव तैयार करने की बात सामने आ रही है.
 2014 में सहायक कुलसचिव के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञापन में भी सहायक कुलसचिव  के पद का वेतनमान 15600-39100 + 6600 ग्रेड वेतन के साथ राजपत्रित, प्रथम श्रेणी उल्लेखित है
 छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा 18-क के अनुसार अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए परिनियम, अध्यादेश एवं विनियम राज्य विश्वविद्यालय सेवा के अंतर्गत आने वाले पदों पर लागू नहीं होते हैं। इसके बाद भी परिनियम 20 का हवाला देते हुए सहायक कुलसचिव के पद को द्वितीय श्रेणी दर्शाते हुए अपनी गलती पर पर्दा डालने की कोशिश की गई है। यदि सहायक कुलसचिव का पद द्वितीय श्रेणी था, तो वर्ष 2014 में सहायक कुलसचिव के पद पर सीधी भर्ती के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रेषित किए गए प्रस्ताव एवं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञापन में इसे प्रथम श्रेणी दर्शाया नहीं जाना चाहिए था। इसी प्रकार, वर्ष 2020 में पुनः सहायक कुलसचिव के पद पर सीधी भर्ती के लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञापन में सहायक कुलसचिव के पद को राजपत्रित, प्रथम श्रेणी दर्शाया गया है। इस तरह से सहायक कुलसचिव से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति के लिए वर्ष 2021 एवं 2022 में उच्च शिक्षा संचालनालय एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जानबूझकर त्रुटिपूर्ण प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसमें सहायक  कुलसचिव के पद को द्वितीय श्रेणी दर्शाया गया है, वेतनमान 15600-39100 ग्रेड पे 6600 स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
*कोई भी संपत्ति खरीदने से पहले सरकारी कर्मचारियों को लेनी पड़ती है प्रशासन से अनुमति,*
 शैलेंद्र दुबे द्वारा सहायक कुलसचिव के पद पर अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर में पदस्थापना के दौरान माह जनवरी 2019 में बिलासपुर के सरकंडा में लगभग 45 लाख का अचल संपत्ति (फ्लैट) क्रय करने से पूर्व छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग को न तो सूचना प्रेषित की गई थी और न ही अनुमति प्राप्त की गई थी। फिर भी उनकी पदोन्नति उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कर दी गई। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2022 में पदोन्नति पूर्व  शैलेंद्र दुबे द्वारा संपत्ति क्रय के संबंध में जानकारी मांगे जाने पर शैलेंद्र दुबे द्वारा बैक डेट से मार्च 2019 में आवेदन अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलसचिव डॉ. सुधीर कुमार शर्मा (जो कि प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है) को आवेदन देकर मकान क्रय करने की सूचना दी गई। जिसे उच्च शिक्षा विभाग को प्रेषित किया गया, परंतु उच्च शिक्षा विभाग ने संपत्ति क्रय की कार्योत्तर अनुमति प्रदान नहीं की, इसके बाद भी उन्हें पदोन्नत कर दिया गया।
 नियुक्ति, पदोन्नति एवं विश्वविद्यालय में कुलसचिव के पद का प्रभार दिए जाने में यह सब खेल उच्च शिक्षा विभाग की जानकारी में हुआ है, परंतु संबंधित दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है। इस पूरे प्रकरण पर उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ रहे तत्कालीन सचिव श्री भुवनेश यादव, वर्तमान में पदस्थ अवर सचिव श्री ए आर खान, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. राजलक्ष्मी सेलट तथा उच्च शिक्षा संचालनालय में पदस्थ आयुक्त श्रीमती शारदा वर्मा एवं विश्वविद्यालय प्रकोष्ठ में पदस्थ रहे कर्मचारी श्री आकाश दुबे द्वारा किया गया है।
 शैलेन्द्र दुबे, उप कुलसचिव के पदोन्नति को लेकर अनेक शिकायतें राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित उच्च शिक्षा विभाग में की गई है। इसके बाद भी शासन उच्च शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना ही आपके द्वारा उन्हें प्रभारी कुलसचिव नियुक्त किया गया है?
क्या कुलपति को छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम में पदक शक्तियों के अंतर्गत कुलसचिव की नियुक्ति यह किसी अधिकारी को कुलसचिव के पद का प्रभार देने का अधिकार है?
क्या कुलपति ने विश्वविद्यालय में नियमित कुलसचिव की नियुक्ति के लिए शासन उच्च शिक्षा विभाग को पत्राचार किया है?
 शैलेन्द्र दुबे विश्वविद्यालय अभिलेखों में प्रभारी कुलसचिव के स्थान पर कुलसचिव पदनाम का उपयोग करते हुए कार्यवाही करते हैं, क्या यह विधि संगत है?
 छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग से अनुमति प्राप्त किए बिना ही कुलपति के अनुमोदन से श्री शैलेन्द्र दुबे को कुलसचिव का प्रभार कुलसचिव (जिनकी प्रतिनियुक्ति छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 6 अक्टूबर 2022 द्वारा समाप्त की जा चुकी थी) वर्ष 2022 में छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सहायक कुलसचिव से उप कुलसचिव के पद पर पदोन्नति को लेकर अनेक शिकायतें राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित उच्च शिक्षा विभाग में की गई है। इसके बाद भी उच्च शिक्षा विभाग ने उप कुलसचिव को कुलसचिव के पद का प्रभार छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आदेश दिनांक 30 जून 2023 जारी कर सौंपा था।

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