*विशेष अभियान 4.0 के तहत एसईसीएल के कार्यालयों में बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है सफाई अभियान*
100 से अधिक चिन्हित जगहों की सफाई की गई, 1400 टन से अधिक स्क्रैप का निपटान किया गया, जिससे ₹7 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ
कोल इंडिया लिमिटेड की एक प्रमुख सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) विशेष अभियान 4.0 के तहत महत्वपूर्ण प्रगति कर रही है जिससे कार्यालयों में स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और बेहतर प्रशासन को बढ़ावा मिल रहा है।
मुख्य उपलब्धियाँ:
100 से अधिक साइटों की सफाई: एसईसीएल ने खनन स्थलों, प्रशासनिक भवनों और सार्वजनिक स्थानों सहित अपने परिचालन क्षेत्रों में 100 से अधिक साइटों की सफलतापूर्वक सफाई की है, जिससे कार्यस्थलों की सुंदरता और सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
1400+ टन स्क्रैप का निपटान: 1400 मीट्रिक टन से अधिक स्क्रैप के निपटान से ₹7 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है, जिससे भविष्य में उपयोग के लिए जगह खाली हुई है। कंपनी का लक्ष्य अभियान के अंत से पहले 2200 मीट्रिक टन स्क्रैप के निपटान के अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है।
डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा: SECL भूमि अधिग्रहण प्रबंधन प्रणाली (LAMS), CSR के लिए इन-हाउस वेब ऐप, मेडिकल रेफरल आदि, ई-ऑफिस, SAP और ERP जैसे विभिन्न डिजिटल समाधानों को अपनाकर डिजिटल गवर्नेंस को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है ताकि कुशल संचालन और कागज पर निर्भरता कम हो सके।
अमृत फार्मेसी विस्तार: SECL ने खाली जगहों को, जो पहले स्क्रैप भंडारण के लिए उपयोग की जाती थीं सदुपयोग को बढ़ावा देते हुए उन्हें अमृत फार्मेसी में बदल दिया है, जिससे कर्मचारियों और स्थानीय समुदायों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा रही है।
पर्यावरण प्रतिबद्धता: “एक पेड़ माँ के नाम” पहल के तहत, SECL ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में 1.46 लाख से अधिक पौधे लगाए हैं। यह पौधारोपण अभियान हरियाली बढ़ाने और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।
कबाड़ से कलाकृति: पिछले साल की “कबाड़ से कलाकृति” पहल की सफलता के बाद, SECL एक बार फिर कबाड़ सामग्री को कलात्मक मूर्तियों में बदल रहा है, जो अपशिष्ट प्रबंधन में नवाचार का प्रदर्शन करता है।
SECL लंबित शिकायतों के निपटारे और पुरानी फाइलों की समीक्षा को प्राथमिकता देना जारी रखता है, जिसमें जनता की शिकायतों और सुझावों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। 30 दिनों से अधिक समय तक कोई भी शिकायत लंबित न होने के कारण, कंपनी ने अपनी शिकायत समाधान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है, जिससे त्वरित निवारण सुनिश्चित हुआ है।
यह अभियान 31 अक्टूबर, 2024 तक चलेगा, जिसमें पूर्ण लक्ष्य प्राप्ति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो एक स्वच्छ, अधिक कुशल कार्यस्थल के सरकार के दृष्टिकोण में और योगदान देगा।
उल्लेखनीय है कि अभियान “स्वच्छता ही सेवा” के प्रथम चरण के दौरान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अपने परिचालन क्षेत्रों में एसईसीएल के सफाई प्रयासों से 90 मीट्रिक टन से अधिक कचरे का निपटान करने में मदद मिली। इस अभियान में स्कूली बच्चों के लिए प्रतियोगिताएं, स्वच्छता रैलियां, वृक्षारोपण, मानव श्रृंखला और सफाई मित्र कल्याण पहल जैसे स्वास्थ्य शिविर और सफाई मित्र सम्मान जैसी विभिन्न जागरूकता पहल भी शामिल थीं।
दिनांक 16/10/2024
*एसईसीएल में देश की 216वीं अमृत फार्मेसी का हुआ शुभारंभ, चार अमृत फार्मेसी खोलने वाली पहली कोयला कंपनी बनी एसईसीएल*
*फार्मेसी के खुलने से किफ़ायती दरों पर एसईसीएल कर्मी एवं आमजनों को दवाओं की उपलब्धता होगी सुनिश्चित, विशेष अभियान 4.0 के अंतर्गत इस पहल से इंक्लूसिविटी को भी मिला बढ़ावा*
एसईसीएल सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा के करकमलों से आज एसईसीएल मुख्यालय के इन्दिरा विहार स्वास्थ्य केंद्र में देश की 216वीं एवं कंपनी की चौथी अमृत फार्मेसी का शुभारंभ किया गया। इसके साथ ही चार अमृत फार्मेसी खोलने वाली एसईसीएल देश की पहली कोयला कंपनी बन गई है।
कंपनी की इस पहल से जहां किफ़ायती दरों पर एसईसीएल कर्मी एवं आमजनों को दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी वहीं विशेष अभियान 4.0 के तहत इंक्लूसिविटी यानि समवेशी विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने कहा कि अमृत फार्मेसी के खुलने से एसईसीएल कर्मियों के साथ-साथ आमजनों को भी किफ़ायती दरों पर दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। यह पहल हमारे संचालन राज्यों छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के सुदूर आदिवासी एवं ग्रामीण अंचल के लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में महती भूमिका निभाएगी।
इस अवसर पर एसईसीएल निदेशक मंडल से निदेशक तकनीकी (संचालन) एसएन कापरी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एन फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (कार्मिक) बिरंची दास एवं निदेशक (वित्त) डी सुनील कुमार, सीएमएस डॉ (श्रीमती) प्रतिभा पाठक की उपस्थिति रही।
अमृत फार्मेसी से एसईसीएल के अस्पतालों में सभी प्रकार की ब्रांडेड, ब्रांडेड-जेनेरिक एवं जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। दवाओं के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता के मेडिकल इंप्लांट्स भी होंगे मरीजों को उपलब्ध। सामान्य बीमारियों से लेकर कैंसर एवं हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं एक ही जगह होंगी आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी। सभी दवाओं पर औसतन लगभग 52% की छूट मिलेगी जिसका एसईसीएल कर्मियों के साथ-साथ आमजन भी लाभ ले सकेंगे।
मुख्यालय बिलासपुर के अतिरिक्त एसईसीएल के कोरबा जिले के गेवरा, शहडोल जिले के सोहागपुर, और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के चिरमिरी के परिचालन क्षेत्रों में स्थित एसईसीएल के केंद्रीय अस्पतालों में पहले से ही तीन फार्मेसियों का संचालन किया जा रहा है।
दिनांक – 04/10/2024
- एसईसीएल की हरित पहल: “एक पेड़ माँ के नाम” के तहत लगाए गए 1.46 लाख से अधिक पौधे
“स्वच्छता ही सेवा” अभियान में पौधारोपण अभियान को मिली नई गति
माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अनुरूप, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अपने परिचालन क्षेत्रों में 1,46,675 पौधे रोपे हैं। यह पहल माननीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी द्वारा जुलाई 2024 में देश भर के कोयला एवं खान उद्योग के सरकारी उपक्रमों में शुरू किए गए “एक पेड़ माँ के नाम” राष्ट्रव्यापी पौधारोपण अभियान का हिस्सा थी।
एसईसीएल ने छत्तीसगढ़ के 8 जिलों और मध्य प्रदेश के 3 जिलों में 56 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में पौधारोपण अभियान चलाया। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने अपने खनन क्षेत्रों के आस-पास रहने वाले समुदायों को 25,000 पौधे वितरित किए, जिससे पर्यावरण संरक्षण को और बढ़ावा मिला।
*स्वच्छता ही सेवा’ ने दी अभियान को नई गति*
“एक पेड़ माँ के नाम’ के तहत वृक्षारोपण प्रयासों को 2024 के “स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के हिस्से के रूप में और मजबूत किया गया। इस अभियान के हिस्से के रूप में, एसईसीएल ने अतिरिक्त 4,200 पौधे लगाए, जिससे पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक स्वच्छता दोनों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बल मिला।
*कुसमुंडा खदान ने 501 लाख टन कोयला उत्पादन के उपलक्ष्य में 501 पौधे लगाए*
SECL की कुसमुंडा खदान, जो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कोयला खदान है, ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 501 लाख टन (50 मिलियन टन) कोयला उत्पादन की उपलब्धि के उपलक्ष्य में एक ही दिन में 501 पौधे लगाकर एक अनूठी उपलब्धि हासिल की। इस पहल ने एसईसीएल के राष्ट्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ एसईसीएल के हरित विकास को बढ़ावा देने के प्रण को मजबूती दी।
*कोयलांचल में वन विकास के लिए संकल्पित है एसईसीएल: पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में 26 लाख पौधे लगाए जाएंगे*
एसईसीएल छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में व्यापक वृक्षारोपण अभियान पर अगले पांच वर्षों में 169 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहा है। राज्य वन विकास निगम के साथ साझेदारी में, कंपनी का लक्ष्य 2023-24 और 2027-28 के बीच छत्तीसगढ़ में 26 लाख और मध्य प्रदेश में 12 लाख से अधिक पौधे लगाना है।
तेजी से हरित आवरण के लिए क्रांतिकारी मियावाकी तकनीक
वनीकरण प्रयासों में और तेजी लाने के लिए, SECL ने अभिनव जापानी मियावाकी तकनीक शुरू की है, जो तेजी से हरित आवरण विकास को बढ़ावा देती है। गेवरा क्षेत्र में 2 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में इस पद्धति का उपयोग करके एक पायलट परियोजना पहले ही शुरू की जा चुकी है। अपनी स्थापना के बाद से, एसईसीएल ने अपने परिचालन क्षेत्रों में 3 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं जिससे अंचल में पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को मजबूती प्रदान की है।
दिनांक – 03 अक्टूबर 2024
एसईसीएल में स्वच्छ भारत दिवस के साथ स्वच्छता ही सेवा अभियान का समापन
अभियान के दौरान 90 मीट्रिक टन से अधिक कचरा एकत्रित कर निपटान किया गया, “एक पेड़ मां के नाम” के तहत 4000 से अधिक पौधे लगाए गए
सफाई मित्र सम्मान, स्वच्छता रन, नदी सफाई अभियान ने स्वच्छता की भावना को जन-जन तक पहुँचाया
एसईसीएल ने 2 अक्टूबर 2024 को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर स्वच्छ भारत दिवस के साथ स्वच्छता ही सेवा अभियान का सफल समापन किया। यह अभियान 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक छत्तीसगढ़ के 8 जिलों और मध्य प्रदेश के 3 जिलों में चलाया गया, जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छता के संदेश को कोयलांचल में दूर-दूर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अभियान के मुख्य आकर्षण:
नदी किनारों, धरोहर और तीर्थ स्थलों पर व्यापक स्वच्छता अभियान:
“सम्पूर्ण स्वच्छता” के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए एसईसीएल ने नदी किनारों, स्थानीय धरोहर स्थलों, तीर्थ स्थलों और कचरा फेंकने के स्थलों पर विशेष सफाई अभियान चलाए। इन अभियानों में स्थानीय समुदायों की बड़ी भागीदारी देखने को मिली, जिसके परिणामस्वरूप 90 मीट्रिक टन से अधिक कचरा एकत्रित कर उसका उचित निपटान किया गया।
“एक पेड़ मां के नाम” के तहत वृक्षारोपण अभियान:
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एसईसीएल ने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत अपने मुख्यालय और सभी संचालन क्षेत्रों में 4000 से अधिक पौधे लगाए, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित करता है।
सफाई मित्र सम्मान समारोह एवं स्वास्थ्य शिविर:
सफाई मित्रों के योगदान को मान्यता देते हुए, एसईसीएल ने सफाई मित्र सम्मान समारोह का आयोजन किया, जिसमें उन्हें जूते, दस्ताने और टी-शर्ट जैसी आवश्यक वस्तुएं वितरित की गईं। इसके अलावा, मुफ्त स्वास्थ्य शिविरों का भी आयोजन किया गया, जिसमें 800 से अधिक सफाई मित्रों ने लाभ उठाया, जिसने स्वच्छता सुनिश्चित करने वाले इन अग्रणी कर्मियों की भलाई के लिए एसईसीएल की प्रतिबद्धता को दर्शाया।
स्वच्छता जागरूकता के लिए स्वच्छता रन:
1 अक्टूबर 2024 को एसईसीएल ने बिलासपुर शहर में “स्वच्छता हैप्पी रन” का आयोजन किया, जिसमें 100 से अधिक प्रतिभागियों ने, जिनमें महिलाएं और स्कूल के बच्चे शामिल थे, स्वच्छता का संदेश फैलाने के लिए भाग लिया। इसी तरह की गतिविधियां जैसे रैलियां और वॉकथॉन एसईसीएल के सभी संचालन क्षेत्रों में भी आयोजित की गईं, जिससे स्वच्छता के महत्व पर व्यापक जागरूकता पैदा हुई।
स्कूलों में स्वच्छता जागरूकता पहल:
स्कूल के बच्चों ने स्वच्छता की शिक्षा से जुड़ी कई गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी की, जिसमें “स्वच्छता की पाठशाला,” मानव श्रृंखला का निर्माण, निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी और चित्रकला प्रतियोगिताएं शामिल थीं। इन पहलों ने बच्चों में स्वच्छता के मूल्यों को बढ़ावा दिया।
स्वच्छता ही सेवा अभियान – विशेष अभियान 4.0 का प्रारम्भिक चरण:
“स्वच्छता ही सेवा” अभियान, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के विशेष अभियान 4.0 का प्रारंभिक चरण था, जिसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता को बढ़ावा देना और लंबित मामलों और शिकायतों का समाधान करना है। विशेष अभियान 4.0 के तहत एसईसीएल ने 2200 मीट्रिक टन से अधिक स्क्रैप के निपटान और 30 लाख वर्ग फुट से अधिक स्थान खाली करने का लक्ष्य रखा है।
अभियान का अगला चरण, जो कार्यान्वयन पर केंद्रित है, 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2024 तक चलेगा, जिसमें एसईसीएल स्वच्छ भारत मिशन के व्यापक लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
दिनांक 02 अक्टूबर 2024
*स्वच्छता ही सेवा अभियान अंतर्गत एसईसीएल में किया गया हैप्पी रन का आयोजन*
*एसईसीएल परिवार की प्रथम महिला एवं श्रद्धा महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती पूनम मिश्रा ने दौड़ को दिखाई हरी झंडी, निदेशक मण्डल, सीवीओ व श्रद्धा महिला मण्डल की सम्मानित सदस्याओं की गरिमामयी उपस्थिति*
*100 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों एवं स्कूली बच्चों ने रन में हिस्सा लेकर दिया स्वच्छता का संदेश*
भारत सरकार के स्वच्छता ही सेवा अभियान 2024 अंतर्गत एसईसीएल द्वारा बिलासपुर शहर में हैप्पी रन का आयोजन किया गया। आयोजन में 100 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों एवं डीएवी स्कूल के बच्चों ने रन में हिस्सा लेकर स्वच्छता का संदेश दिया।
रन को एसईसीएल परिवार की प्रथम महिला एवं श्रद्धा महिला मण्डल अध्यक्षा पूनम मिश्रा एवं एसईसीएल निदेशक तकनीकी (संचालन) एसएन कापरी, निदेशक (कार्मिक) बिरंची दास, निदेशक (वित्त) डी सुनील कुमार, सीवीओ हिमांशु जैन एवं श्रद्धा महिला मण्डल, उपाध्यक्षा संगीता कापरी, सम्मानित मार्गदर्शिकाएँ अनीता फ्रैंकलिन, इप्शिता दास द्वारा फ्लैग ऑफ किया गया।
एसईसीएल वसंत विहार कॉलोनी से शुरू होकर रन एसईसीएल नेहरू शताब्दी नगर में समाप्त हुई। पूरे रन के दौरान प्रतिभागियों ने जोशो-खरोश के साथ दौड़ते हुए स्वच्छता का संदेश दिया।
*155वीं गांधी जयंती पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अर्पित की गई आदरांजली*
रन के उपरांत एसईसीएल नेहरू शताब्दी नगर स्थित गांधी उद्यान में पूज्य बापू महात्मा गाँधी के 155 वीं जयंती के अवसर अवसर पर एसईसीएल परिवार की प्रथम महिला एवं श्रद्धा महिला मण्डल अध्यक्षा पूनम मिश्रा, एवं एसईसीएल निदेशक मण्डल एवं सीवीओ, श्रमसंघ प्रतिनिधियों, विभागाध्यक्षों, अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा गांधी जी की प्रतिमा पर फूलमाला, पुष्प अर्पित कर अपनी आदरांजली अर्पित की गई।
विदित हो कि एसईसीएल द्वारा विशेष अभियान 4.0 के प्रारम्भिक चरण में 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक “स्वच्छता ही सेवा” अभियान चलाया गया है जिसके अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों विशेषकर नदियों को साफ करने के लिए विशेष सफाई अभियान चलाए जा गए। मुख्यालय एवं संचालन क्षेत्रों में सफाई मित्रों के सम्मान समारोह सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर स्वच्छता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
दिनांक 01 अक्टूबर 2024
*विशेष अभियान 4.0 में एसईसीएल ने रखा है 2200 मेट्रिक टन स्क्रैप हटाने का लक्ष्य, 30 लाख वर्ग फुट जगह होगी खाली*
*डिजिटल गवर्नेंस के जरिये लंबित फाइलों एवं ई-फाइलों तथा शिकायताओं के निपटारे पर ज़ोर*
*अभियान के पहले चरण “स्वच्छता ही सेवा 2024” अंतर्गत सफाई अभियान, बच्चों को जागरूक करने स्वच्छता की पाठशाला आदि का किया जा रहा है आयोजन*
भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग एवं कोयला मंत्रालय के दिशा-निर्देशन में सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता को बढ़ावा देने एवं लंबित प्रकरणों एवं शिकायतों को कम करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ स्थित कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी एसईसीएल द्वारा इस वर्ष 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक विशेष अभियान 4.0 चलाया जाएगा है।
अभियान के तहत एसईसीएल ने इस बार 2200 मेट्रिक टन स्क्रैप हटाने की योजना बनाई है। इससे लगभग 30 लाख वर्ग फुट जगह स्क्रैप-मुक्त होकर खाली होगी जिसका बेहतर पुनरूपयोग किया जा सकेगा। साथ ही इससे लगभग 10 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व भी मिलेगा।
इसके साथ ही कंपनी ने अभियान के तहत काफी समय से लंबित फाइलों/ई-फाइलों तथा शिकायतों के त्वरित निपटारे का भी लक्ष्य रखा है।
इस राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत एसईसीएल विशेष अभियान 4.0 के दौरान निम्नलिखित गतिविधियाँ करेगा:
सार्वजनिक शिकायतों का समाधान: कंपनी द्वारा शासन को सुव्यवस्थित करने के अभियान के लक्ष्य के अनुरूप लंबित संदर्भों और सार्वजनिक शिकायतों को प्राथमिकता देते हुए उनकी पहचान कर निपटाया जाएगा।
स्थान और रिकॉर्ड प्रबंधन: पुरानी फाइलों की समीक्षा करने और उन्हें बंद करने या हटाने, स्क्रैप निपटान और सरलीकरण के लिए नियमों और प्रक्रियाओं की पहचान करने पर भी ध्यान दिया जाएगा, जिससे परिचालन दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी।
डिजिटल गवर्नेंस: एसईसीएल द्वारा ई-ऑफिस के उपयोग के माध्यम से आंतरिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, कागजी कार्रवाई पर निर्भरता कम करने और डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम करेगा।
अभियान के पहले चरण में एसईसीएल द्वारा 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक “स्वच्छता ही सेवा” अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों विशेषकर नदियों को साफ करने के लिए विशेष सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं। मुख्यालय एवं संचालन क्षेत्रों में सफाई मित्रों के सम्मान समारोह आयोजित कर उपहार देकर सम्मानित किया जा रहा है। साथ ही बच्चों में अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वच्छता की पाठशाला एवं नुक्कड़ नाटकों का भी आयोजन किया जा रहा है।
विदित हो कि एसईसीएल भारत की दूसरी बड़ी कोयला कंपनियों में है और मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ राज्य में कंपनी द्वारा 60 से अधिक कोयला खदानों का संचालन किया जाता है। एसईसीएल द्वारा कोरबा जिले में दुनिया की दो सबसे बड़ी कोयला खदानों गेवरा एवं कुसमुंडा का भी संचालन किया जाता है।
दिनांक 28 सितंबर 2024
*स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत एसईसीएल द्वारा किया गया 100 सफाई मित्रों का सम्मान*
*बिलासपुर कलेक्टर अवनीश कुमार शरण के मुख्य आतिथ्य एवं सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा की अध्यक्षता में हुआ आयोजन*
भारत सरकार के स्वच्छता ही सेवा अभियान 2024 के अंतर्गत एसईसीएल द्वारा दिनांक 28 सितंबर 2024 को सफाई मित्र सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में बिलासपुर कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण उपस्थित रहे वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने की। समारोह में एसईसीएल में सेवाएँ दे रहे 100 सफाईकर्मियों को उपहार देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कलेक्टर श्री शरण ने स्वच्छता ही सेवा अभियान अंतर्गत एसईसीएल द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की साथ ही सफाई मित्रों की कल्याण की दिशा में किए जा रहे कार्यों की भी प्रशंसा की। उन्होने कहा अभियान को जन-जन तक पहुँचाने में एसईसीएल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होने सभी से अनुरोध किया कि हम सभी को स्वच्छता के प्रति छोटे-छोटे प्रयासों से भारत को एक स्वच्छ और विकसित देश बनाने में अपना योगदान देना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एसईसीएल सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने कहा कि इस वर्ष की थीम के अनुरूप हम सभी को अपने स्वभाव एवं संस्कार में स्वच्छता को आत्मसात करने का प्रण लेना होगा। हर एक व्यक्ति को स्वच्छता के प्रति खुद तो जागरूक रहना ही है साथ में अपने आसपास के लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का प्रयास करना है।
आयोजित कार्यक्रम में सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा द्वारा सभी उपस्थितों को स्वच्छता के लिए श्रमदान करने के लिए स्वच्छता शपथ भी दिलाई गयी।
कार्यक्रम में जिला प्रशासन की ओर से श्री अमित कुमार, आयुक्त, नगर पालिका निगम, बिलासपुर, श्री आरपी चौहान, सीईओ जिला पंचायत, बिलासपुर, श्री पीयूष तिवारी, एसडीएम, बिलासपुर एवं एसईसीएल से निदेशक तकनीकी (संचालन) एसएन कापरी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (कार्मिक) बिरंची दास, मुख्य सतर्कता अधिकारी हिमांशु जैन का विशिष्ट आतिथ्य रहा।
विदित हो कि एसईसीएल द्वारा दिनांक 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक “स्वच्छता ही सेवा” अंतर्गत विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं जिसमें सार्वजनिक स्थानों विशेषकर नदियों को साफ करने के लिए विशेष सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं। साथ ही बच्चों में अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वच्छता की पाठशाला एवं नुक्कड़ नाटकों का भी आयोजन किया जा रहा है।
दिनांक 27 सितंबर 2024
*स्वच्छता ही सेवा अभियान अंतर्गत एसईसीएल ने अरपा नदी के छठ घाट पर चलाया गया सफाई अभियान*
भारत सरकार के निर्देशानुसार एसईसीएल में दिनांक 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलाए जा रहे स्वच्छता ही सेवा अभियान अंतर्गत दिनांक 26 सितंबर 2024 को बिलासपुर शहर में अरपा नदी के तट पर स्थित छठ घाट पर श्रमदान सफाई अभियान चलाया गया।
अभियान में 100 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों एवं सफाई मित्रों द्वारा घाट की सफाई की गई एवं कचरे को उचित तरीके से डिस्पोज़ किया गया।
इस श्रमदान सफाई अभियान का मुख्य उद्देश्य न केवल छठ घाट की सफाई करना था, बल्कि अरपा नदी जैसे महत्वपूर्ण जलस्रोतों को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाए रखना भी है।
अभियान से बिलासपुर शहर में जीवनदायिनी कहे जाने वाली अरपा नदी की प्राकृतिक सुंदरता और स्वच्छता को बनाए रखने में मदद मिली है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ जल संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा।
एसईसीएल और सभी सहभागियों का यह सामूहिक प्रयास पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमें यह याद दिलाता है कि हमारी नदियों को साफ रखना हमारी जिम्मेदारी है।
दिनांक 14 सितंबर 2024
*स्वच्छता शपथ के साथ एसईसीएल में “स्वच्छता ही सेवा” अभियान 2024 की हुई शुरुआत*
स्वच्छता शपथ के साथ एसईसीएल में भारत सरकार के “स्वच्छता ही सेवा” अभियान 2024 का आज दिनांक 14 सितंबर को शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर स्वच्छता ही सेवा अभियान 2024 अंतर्गत एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर के मुख्य प्रशासनिक भवन आगंतुक कक्ष में निदेशक तकनीकी (संचालन) एसएन कापरी द्वारा, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (कार्मिक) श्री बिरंची दास, मुख्य सतर्कता अधिकारी हिमांशु जैन, महाप्रबंधक (सिविल/सीएसआर/कल्याण) आलोक कुमार, विभिन्न विभागाध्यक्षों, अधिकारियों-कर्मचारियों, श्रमसंघ प्रतिनिधियों की उपस्थिति में समस्त उपस्थितों को ’’स्वच्छता शपथ’’ दिलाई साथ ही कर्मियों को अपने कार्यस्थल पर स्वच्छता रखने का आव्हान किया।
इस वर्ष स्वच्छता ही सेवा अभियान की “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” है और इसके अंतर्गत कोयला कंपनियों सहित देश भर में स्वच्छता के प्रयासों में नागरिको की भागीदारी और सामूहिक कार्यों की भावना को प्रज्वलित किया जाएगा। इसके अंतर्गत समग्र समाज के तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
स्वच्छता लक्ष्य इकाई (सीटीयू) – श्रमदान गतिविधियां, विशेष लक्ष्य इकाइयों और संपूर्ण स्वच्छता के लिए समयबद्ध परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करना
स्वच्छता में जन भागीदारी – जन भागीदारी, जागरूकता, विभिन्न भागीदारी गतिविधियों द्वारा नागरिकों को स्वच्छता प्रयासों में सम्मिलित करना
सफाई मित्र सुरक्षा शिविर – स्वच्छता कर्मचारियों की निवारक स्वास्थ्य जांच और सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करना
इसी तारतम्य में अभियान के तहत भारत सरकार के निर्देशानुसार एसईसीएल में भी 14 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच चलने वाले स्वच्छता ही सेवा अभियान 2024 तथा 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलने वाले स्पेशल कैम्पेन 4.0 के अंतर्गत एसईसीएल में कई कार्यक्रम किए जाएंगे।
दिनांक 22/09/2024
एसईसीएल वसंत विहार कॉलोनी में स्वच्छता ही सेवा के तहत चलाया गया सफाई अभियान
संचालन क्षेत्रों में भी सफाई अभियान सहित चलाई जा रहीं हैं विभिन्न गतिविधियाँ
एसईसीएल में भारत सरकार के स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में एसईसीएल वसंत विहार कॉलोनी में भी दिनांक 21 सितंबर 2024 को सफाई अभियान चलाया गया।
इसके तहत कॉलोनी के टीए कार्यालय, पानी की टंकी एवं अन्य स्थानों पर सफाई की गई जिसमें कर्मियों ने भी बढ़-चढ़ हिस्सा लिया।
इस वर्ष स्वच्छता ही सेवा अभियान की थीम “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” है और इसके अंतर्गत कोयला कंपनियों सहित देश भर में स्वच्छता के प्रयासों में नागरिको की भागीदारी और सामूहिक कार्यों की भावना को प्रज्वलित किया जाएगा।
इस वर्ष के अभियान के तीन प्रमुख केंद्र बिन्दु हैं स्वच्छता लक्ष्य इकाई (सीटीयू) को चिन्हित कर सफाई अभियान चलाना, स्वच्छता में जन भागीदारी एवं सफाई मित्रों का कल्याण।
इन उद्देश्यों के साथ एसईसीएल में भी दिनांक 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा अभियान चलाया जा रहा है।
अभियान के तहत एसईसीएल मुख्यालय के साथ-साथ सभी संचालन क्षेत्रों, उप-क्षेत्रों एवं खदानों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
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