[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="यह खबर हिंदी आडिओ में सुने "]

शारदा गैस एजेंसी: भ्रष्टाचार पर प्रशासन और कंपनियों की मेहरबानी?

शारदा गैस एजेंसी: भ्रष्टाचार पर प्रशासन और कंपनियों की मेहरबानी?

क्या गैस एजेंसी के संचालक के द्वारा कंपनी, खाद्य विभाग, इस कार्रवाई को ठंडा बस्ते में डालने के लिए , भारी भरकम चढ़ावा चढ़या गया?

 

खाद्य विभाग ने क्यों साधी चुप्पी?
शारदा गैस एजेंसी के खिलाफ भारी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के बावजूद खाद्य विभाग की नरमी सवाल खड़े करती है। कलेक्टर के संज्ञान में मामला होने के बावजूद विभाग ने केवल एफआईआर दर्ज कर अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ लिया।

इंडियन ऑयल के अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका?
सूत्रों के अनुसार, इंडियन ऑयल के रीजनल मैनेजर और सेल्स मैनेजर की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। आरोप है कि शारदा गैस एजेंसी के मालिक से कार्रवाई रोकने के एवज में मोटी रकम ली गई। जब  द सिटी वॉच के पत्रकार ने इंडियन ऑयल के एरिया मैनेजर से बात की, तो उन्होंने जवाब देने के बजाय फोन काट दिया। यह रवैया उनकी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

सिविल लाईन पुलिस के विवेचना पर उठे सवाल?


मामले की एफआईआर हुए एक महीना गुजर चुका है, लेकिन पुलिस अब तक न तो विवेचना पूरी कर पाई है और न ही किसी आरोपी को गिरफ्तार किया गया। इससे स्पष्ट है कि पुलिस विभाग की कार्रवाई केवल औपचारिकता तक सीमित है।

भ्रष्टाचार का खुला खेल
शारदा गैस एजेंसी का मामला केवल एक एजेंसी तक सीमित नहीं है। यह प्रशासन, पुलिस और इंडियन ऑयल के अधिकारियों के बीच गहरे भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। सवाल यह है कि इतनी बड़ी अनियमितताओं के बावजूद जिम्मेदार विभाग और कंपनियां क्यों चुप हैं?

प्रमुख सवाल:

खाद्य विभाग ने सिर्फ एफआईआर कराकर अपनी जिम्मेदारी क्यों खत्म कर दी?
इंडियन ऑयल के अधिकारी कार्रवाई से बचने के लिए क्यों गोलमोल जवाब दे रहे हैं?
पुलिस विवेचना में देरी का असली कारण क्या है?
क्या भ्रष्टाचार में प्रशासन और कंपनी के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं?
इस पूरे मामले में  निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ   एक महीना बीतने के बाद  भी क्यों किसी प्रकार की सख्त कार्रवाई नहीं हुई? यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण बनकर रह जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *