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वार्ड क्रमांक 46: क्या कांग्रेस प्रत्याशी अब्दुल इब्राहिम जीत पाएंगे जनता का भरोसा?

वार्ड क्रमांक 46: क्या कांग्रेस प्रत्याशी अब्दुल इब्राहिम जीत पाएंगे जनता का भरोसा?
बिलासपुर। नगरीय निकाय चुनावों का माहौल गरम हो चुका है और भाजपा-कांग्रेस समेत सभी दलों के प्रत्याशी अपने-अपने वार्ड में प्रचार में जुटे हुए हैं। वार्ड क्रमांक 46 से कांग्रेस ने एक बार फिर अब्दुल इब्राहिम को अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि, इस बार उनकी राह आसान नहीं दिख रही, क्योंकि बीते कार्यकाल में उन पर कई विवादों के आरोप लगे हैं, जिनमें सरकारी भवन पर अवैध कब्जे का मामला भी शामिल है।

नगर निगम ने हाल ही में कार्रवाई करते हुए उनके द्वारा संचालित एक कार्यालय को सील कर दिया था। इस मुद्दे के चलते जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बीते पांच वर्षों में वार्ड में कोई उल्लेखनीय विकास कार्य नहीं हुए हैं, जिससे लोगों में नाराजगी बनी हुई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता उन्हें दोबारा मौका देती है या नहीं।

अब्दुल इब्राहिम पर लगे आरोप और जनता की राय
➤ सरकारी भवन पर कब्जे का आरोप:
हाल ही में अब्दुल इब्राहिम पर सरकारी भवन में अवैध रूप से अपना कार्यालय संचालित करने का आरोप लगा था। नगर निगम ने जांच के बाद कार्रवाई करते हुए भवन को खाली कराया और सील कर दिया। इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने भी उन्हें घेरने की कोशिश की है।

➤ विकास कार्यों की कमी:
स्थानीय निवासियों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में वार्ड में कोई बड़ा विकास कार्य नहीं हुआ है। गली-मोहल्लों में साफ-सफाई, सड़कों की मरम्मत और पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। ऐसे में जनता इस बार बदलाव के मूड में नजर आ रही है।

जनता क्या कहती है?
संतोष वर्मा (स्थानीय निवासी):
“पिछले पांच साल में वार्ड में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ। सड़कें खराब हैं, नालियां जाम रहती हैं और पानी की समस्या भी बनी हुई है। अब हम सोच-समझकर अपना वोट देंगे।”

रुबीना शेख (वार्ड निवासी):
“अब्दुल इब्राहिम का राजनीतिक दबदबा जरूर है, लेकिन हमें विकास चाहिए। अगर वह जनता की परेशानियों को दूर करने का वादा करते हैं, तो शायद उन्हें एक और मौका मिल सकता है।”

क्या इस बार मिलेगा जनता का समर्थन?
अब्दुल इब्राहिम के लिए यह चुनाव आसान नहीं रहने वाला। एक ओर जहां उनके खिलाफ लगे आरोप उनकी छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं, वहीं दूसरी ओर वार्ड में कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक उन्हें फायदा भी पहुंचा सकता है। भाजपा और अन्य दलों के प्रत्याशी इस मौके का फायदा उठाने के लिए मैदान में पूरी ताकत से जुटे हुए हैं।

आने वाले दिनों में जनता का रुझान साफ होगा कि वह पुराने प्रतिनिधि पर भरोसा जताती है या बदलाव चाहती है। फिलहाल, वार्ड क्रमांक 46 का चुनावी मुकाबला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका है।

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