एसडीएम बोले, बिना चौहद्दी के सीमांकन मुश्किल, तो फिर ऐसे 5 खसरों का सीमांकन और बटाकन कैसे हो गया
00 गीतांजली कंट्रक्शन ने निजी सहित सरकारी जमीन पर बना रहा मकान, अफसर दे रहे साथ
00 फर्जी तरीके से निगम को हस्तांतरित किया कोटवारी जमीन, अफसरों ने नहीं कराया एफआईआर
बिलासपुर। गीतांजली कंट्रक्शन के द्वारा बनाया जा रहा स्वर्णिम ऐरा कॉलोनी में टीएनसी और रेरा अप्रुवल लेने के लिए कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लिया गया है। इसके साथ ही सरकारी और कमला गड़ेरिया की खमतराई स्थित भूमि पर कालोनाईजर द्वारा कब्जा करने का भी आरोप लगा है। कमला गड़ेरिया ने शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि पटवारी द्वारा दिए गए कब्जा प्रमाण पत्र के बावजूद अफसरों का कहना है कि चौहद्दी की स्थिति साफ नहीं है, जिससे सीमांकन में मुश्किल आ रही है। कमला गड़ेरिया ने बताया कि उनकी खसरा नंबर 0971/7, रकबा 1 एकड़ भूमि के साथ छत्तीसगढ़ शासन की ख.न 971/1, रकबा 0.30 एकड़ भूमि पर भी कब्जा किया गया है। उनका आरोप है कि नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक कुलदीप शर्मा और हल्का पटवारी रमेश कुमार वैष्णव ने कालोनाईजर को इस काम में मदद की। सीमांकन टीम ने छत्तीसगढ़ शासन की ख.न 971/1 पर झूठा प्रतिवेदन दिया है कि उक्त भूमि मौके पर नहीं है। इसके अलावा, फर्जी बटांकन के जरिए छत्तीसगढ़ शासन की ख.न 971/1 और कमला गड़ेरिया की ख.न 971/7 को छोड़कर अन्य भूमियों का बंटाकन कर दिया गया। यह बंटाकन बिना इन भूमियों के बंटाकन के संभव नहीं था, लेकिन अफसरों की मिलीभगत से यह सब हुआ। तत्कालीन तहसीलदार और अनुविभागीय अधिकारी ने कलेक्टर से इस मामले को छुपाया और कालोनाईजर के दबाव में बिना बंटाकन कार्यवाही को विलोपित करवा दिया।
00 जांच रिपोर्ट के आधार पर 97 डिस्मील जमीन पर है कब्जा
स्वर्णिम ऐरा कॉलोनी के निर्माण के दौरान गीतांजली कंट्रक्शन के एसआर साहू ने निजी और सरकारी जमीन को भी कब्जा जमा लिया है। 6 माह पहले आरआई और पटवारी की टीम ने इस मामले में एक जांच रिपोर्ट दी थी। जिसमें स्पष्ट कहा गया कि मौके पर 97 डिस्मील जमीन पर कब्जा किया गया है। यहां ख.न. 971/1 रकबा 90 डिस्मील सरकारी भूमि दर्ज है। लेकिन भूमि शून्य है। जबकि साहू परिवार के नाम ख.न. 971/2 में 17 डिस्मील, 971/4 में 19 डिस्मील और खसरा नंबर 971/5, 971/6,971/11 में 39 डिस्मील जमीन अतिरिक्त कब्जे में है। इसी तरह खसरा नंबर 971/12 में 19 डिस्मील जमीन अतिरिक्त है। जबकि खसरा नंबर 971/7 कमला गडेरिया का है। इसका रकबा 1 एकड़ है। लेकिन जांच के दौरान जगह में जमीन शून्य बताई गई है।
00 5 खसरों में चौहद्दी नहीं कैसे हुई सीमांकन और बटांकन?
राजस्व के अफसरों ने कमला गडेरिया के मामले में कह दिया कि उनके रजिस्ट्री पर चौहद्दी नहीं है। इसलिए सीमांकन में परेशानी हो रही है। जबकि वहां मौजूद खसरा नंबर 971/7, 971/8, 971/9, 971/5, और 971/4 में किसी की चौहद्दी नहीं है, फिर भी इनका बटांकन और सीमांकन किया गया है। इन खसरों की रजिस्टी के दिनांक क्रमश: 3/5/1966, 10/5/1966, 22/5/1969, और 22/5/1969 है, जबकि 971/6 में कोई इंद्राज और चौहद्दी नहीं है। इसके बावजूद, इन खसरों का बटांकन और सीमांकन बिना उचित चौहद्दी के किया गया। इस संदर्भ में कोई स्पष्ट वजह नहीं दी जा रही है कि कैसे बिना चौहद्दी के बटांकन संभव हुआ। जबकि कमला गडेरिया को चौहद्दी नहीं होने की बात करते हुए अफसर सीमांकन कर जमीन चिन्हांकित नहीं कर रहे हैं।
00 वर्जन….
कमला गडेरिया के जमीन में चौहद्दी नहीं है। यदि अन्य लोगों के रजिस्ट्री में भी चौहद्दी नहीं है तो उसके बारे में संबंधित तहसीलदार ही जानकारी दे पाएंगे कि उनका सीमांकन और बटांकन कैसे हुआ। तहसीलदार राहुल शर्मा से इस संबंध में जानकारी ली जा सकती है। सीमांकन का काम तहसीलदार ही करेंगे।
– पीयूष तिवारी, एसडीएम बिलासपुर।
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