स्वर्णिम ऐरा: सीमांकन के बजाय राजस्व अफसरों ने नक्शे की त्रुटि का दिया हवाला
राजस्व अफसरों ने दी सफाई, शिकायतकर्ता ने लगाया मिलीभगत का आरोप
बिलासपुर। खमतराई क्षेत्र में विकसित हो रही स्वर्णिम ऐरा कॉलोनी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस कॉलोनी को गीतांजली कंस्ट्रक्शन द्वारा विकसित किया जा रहा है, लेकिन इस परियोजना में दस्तावेजों में छेड़छाड़ और हेरफेर के गंभीर आरोप लगे हैं। शिकायतकर्ता प्रदीप पाली ने आरोप लगाया है कि खसरा नंबर 739 और 740 के नक्शे में हेरफेर कर कंपनी को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है।
इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए तात्कालिक हल्का पटवारी और राजस्व निरीक्षक ने अपने प्रतिवेदन में बताया कि नक्शे में केवल लिपिकीय त्रुटि हुई थी, जिसमें खसरा नंबर आपस में बदल गए थे। अधिकारियों का दावा है कि मूल नक्शे और सर्वे रिकॉर्ड में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। हालांकि, शिकायतकर्ता का कहना है कि सीमांकन और बंटवारा न कर राजस्व अधिकारियों ने गीतांजली कंस्ट्रक्शन को फायदा पहुंचाने के लिए मिलीभगत की है।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि उनके स्वामित्व वाली भूमि पर कंपनी ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है, और अब वह न्याय के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। वहीं, राजस्व अधिकारियों का कहना है कि शिकायत केवल दबाव बनाने के उद्देश्य से की गई है और इसका आधार केवल नक्शे की त्रुटि मात्र है।
नगर निगम ने एक माह बाद भी नहीं कराई जांच
मामले में एक और बड़ा आरोप ईडब्ल्यूएस भूमि के नाम पर नगर निगम के साथ धोखाधड़ी का भी है। शिकायत के मुताबिक, गीतांजली कंस्ट्रक्शन ने नगर निगम को गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर कोटवारी जमीन को निगम के नाम पर हस्तांतरित करवा लिया। इस संबंध में निगम आयुक्त अमित कुमार ने जांच कर एफआईआर दर्ज कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन एक माह बीतने के बावजूद जांच शुरू नहीं हो पाई।
इसी बीच, स्वर्णिम ऐरा कॉलोनी में सृष्टि इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा 50 से 70 लाख रुपए में मकान बेचे जा रहे हैं, जिससे करोड़ों रुपए की कमाई हो रही है। बावजूद इसके, नगर निगम और राजस्व विभाग के अधिकारी इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
बॉक्स 1: शिकायत और प्रशासन की प्रतिक्रिया
शिकायत: खसरा नंबर 739 और 740 के नक्शे में हेरफेर कर गीतांजली कंस्ट्रक्शन को लाभ पहुंचाने का आरोप।
राजस्व अफसरों की सफाई: केवल लिपिकीय त्रुटि हुई, कोई हेरफेर नहीं।
शिकायतकर्ता का दावा: सीमांकन और बंटवारा न करके कंपनी को फायदा पहुंचाया गया।
बॉक्स 2: नगर निगम की जांच पर सवाल
आरोप: गीतांजली कंस्ट्रक्शन ने नगर निगम को गलत दस्तावेज देकर कोटवारी जमीन हस्तांतरित करवा ली।
निगम आयुक्त का बयान: एफआईआर कराने की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई जांच नहीं।
वर्तमान स्थिति: एक-एक मकान 50-70 लाख में बेचे जा रहे, लेकिन प्रशासन निष्क्रिय।
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