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सिविल लाइन थाने की रैपिड एक्शन कार्यवाही बताती है दाल में कुछ काला है, नहीं पूरी दाल काली है?

 

सिविल लाइन थाने की रैपिड एक्शन कार्यवाही बताती है दाल में कुछ काला है नहीं पूरी दाल काली है?

 

बिलासपुर, 20 फरवरी 2025।
सरकार किसी की आए – जाए पुलिस के तौर तारीको को समझना आसान नहीं है। 17 फरवरी को बिलासपुर थाना सिविल लाइन की पुलिस एक्सयूवी में लद कर रायपुर जाती है, और दो ऐसे संभ्रांत लोगों को सहयोग के नाम पर उठाकर ले आती है। जिसमें से एक रिटायर्ड एक्साइज विभाग का अधिकारी रहा और उसका उम्र 70 वर्ष पार है। 4:05 पर एफआईआर दर्ज कर ली जाती है। एफआईआर दर्ज कराने वाले का नाम नितिन लॉरेंस है। जो स्वयं रायपुर निवासी है जिन्हें पकड़ कर लाया गया है वे भी रायपुर निवासी हैं।
शिकायत मे कहा गया है कि उक्त दोनों लोगों के कहने पर किसी मार्टिन नाम के व्यक्ति ने नितिन लॉरेंस से पैसा मांगा अन्यथा अन्य मामलों में पत्नी सहित फंसा देने की बात कही, मजेदार तथ्य यह है कि यशराज सिंह ने सिविल लाइन थाना रायपुर में एक शिकायत नितिन लॉरेंस, जयदीप रॉबिंसन आदि के खिलाफ 19.04.2024 को दी थी इस शिकायत में जांच का बिंदुबार निष्कर्ष यह था कि संज्ञेय अपराध होना प्रतीत होता है। एफआईआर दर्ज करें, जिनके खिलाफ एफआईआर होनी थी उनके नाम नितिन लॉरेंस, जयदीप व अन्य। 19.4.24 से लेकर 17.2.2025 तक fir नहीं हो सकी ऐसा क्यों……
दूसरी और 20.2.2025 यानी आज भयादोहन के कथित प्रकरण में हिरासत में लिए गए दोनों अभियुक्त यशराज और बिनू बैनेट को रायपुर के एक अन्य न्यायालय में महत्वपूर्ण बयान दर्ज करना था जिस दिन भी यह बयान दर्ज होगा नितिन लॉरेंस के खिलाफ एक बड़ा मामला पंजीबद्ध होगा। 17 फरवरी तारीख को बिलासपुर सिविल लाइन थाने की रैपिड एक्शन कार्यवाही इन्हीं कारणों से हूई। बिनू बैनेट और यशराज बिलासपुर कलेक्टर को 9.9.2024, 23.9.2024 और उसके बाद कई बार बिलासपुर कलेक्टर को मौखिक शिकायत किये अपने लिखित शिकायत के संदर्भ में शिकायत मूलत यही है कि छत्तीसगढ़ राज्य में छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड आफ एजुकेशन द्वारा संचालित 11 गैर अनुदानित और 9 अनुदानित स्कूलों का संचालन नियम विरुद्ध तरीके से हो रहा है और रजिस्टर फॉर्म समिति के द्वारा की गई अधूरी जांच में भी करोड़ों की गड़बड़ी का मामला बना है, और कलेक्टर महोदय स्कूल पर रिसीवर बैठाले। पूरे मामले में सिविल लाइन थाना प्रभारी और सिविल लाइन सी एस पी को सवाल के कटघरे में खड़ा कर दिया है
जब की इन दो सामाजिक कार्यकर्ताओं को बगैर सफाई का मौका दिए सिविल लाइन थाने ने 308(5) बीएनएस कायम कर दिया। जिससे जमानत ना मिले सिविल लाइन थाने की पूरी रैपिड एक्शन कार्यवाही पर भारतीय जनता पार्टी के ही प्रदेश कार्य समिति सदस्य ने गंभीर नाराजगी जताई है और इस संबंध में डिप्टी सीएम से भी बात की है।

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