[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="यह खबर हिंदी आडिओ में सुने "]

फर्जी सीमांकन कर जमीन पर कब्जा, भूमाफिया नरेंद्र मोटवानी समेत चार पर 420 का केस दर्ज….

फर्जी सीमांकन कर जमीन पर कब्जा, भूमाफिया नरेंद्र मोटवानी समेत चार पर 420 का केस दर्ज

बिलासपुर। तोरवा थाना क्षेत्र की रहने वाली मीना मोटवानी ने भूमाफिया और उसके परिवार पर धोखाधड़ी कर जमीन हड़पने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने नरेंद्र मोटवानी सहित चार लोगों के खिलाफ IPC की धारा 420 समेत अन्य धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया है। मामले में पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

पीड़िता मीना मोटवानी ने बताया कि उसके नाम की पुश्तैनी जमीन खसरा नंबर 445/0.0360 हेक्टेयर है, जो उसे पति रामचंद गंगवानी की मृत्यु के बाद विरासत में मिली है। इस जमीन को हथियाने की साजिश डूलाराम मोटवानी, नरेंद्र मोटवानी, महेंद्र मोटवानी और राजेंद्र मोटवानी ने रची। आरोप है कि आरोपियों ने फर्जी तरीके से तहसील कार्यालय में सीमांकन के लिए आवेदन दिया और उसमें मीना के नाम से किसी अन्य महिला को खड़ा कर सीमांकन रिपोर्ट तैयार करवा ली। इतना ही नहीं, रिपोर्ट में मीना के फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए।

पीड़िता ने बताया कि उक्त जमीन पर पहले से उसके पति द्वारा बाउंड्रीवाल बनवाई गई थी, लेकिन डूलाराम मोटवानी ने उसे तोड़ दिया। फर्जी सीमांकन रिपोर्ट के आधार पर आरोपी अब जमीन पर कब्जा जमाने की फिराक में हैं। जब इस पूरे मामले की जानकारी मीना को मिली, तो तहसील कार्यालय से दस्तावेज निकलवाकर उसने फर्जीवाड़े का खुलासा किया।

मीना का यह भी कहना है कि पहले से ही उक्त जमीन पर कब्जा को लेकर अशोक उबरानी से विवाद चल रहा था। अशोक ने कानूनी प्रक्रिया के लिए डूलाराम मोटवानी को आम मुख्तियार नियुक्त किया था, और तभी से डूलाराम ने पीड़िता के खिलाफ साजिश रचनी शुरू की।

पुलिस का कहना है कि चारों आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया गया है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है।

*नरेंद्र मोटवानी पर पहले भी दर्ज हैं कई गंभीर मामले*

पुलिस के मुताबिक, नरेंद्र मोटवानी के खिलाफ सिटी कोतवाली और कोटा थाना क्षेत्र में अपहरण, मारपीट और धोखाधड़ी के मामले पहले से ही दर्ज हैं। उसकी कई शिकायतें लंबित हैं, जिनकी जांच चल रही है। नरेंद्र क्षेत्र के एक गुंडे और जिला बदर बदमाश को अपने साथ रखकर लोगों को डराता-धमकाता है और उनकी जमीनों पर अवैध कब्जा करता है।

तहसील कार्यालय के कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध

सूत्रों का कहना है कि इस फर्जी सीमांकन प्रकरण में तहसीलदार, पटवारी और आरआई की भूमिका भी संदिग्ध है। इनकी मिलीभगत के बिना फर्जी सीमांकन संभव नहीं था। इसलिए पुलिस जांच में जल्द इन पर भी शिकंजा कस सकता है।

पीड़िता की मांग – हो निष्पक्ष जांच, मिले न्याय

मीना मोटवानी ने मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर सच्चाई सामने लाई जाए और दोषियों को सख्त सजा मिले, ताकि भविष्य में कोई और भू-माफिया इस तरह की हरकत ना कर सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *