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श्रीधर धर्मशाला का फर्जी ट्रस्‍ट बनाकर दुकानों का किया आवांटन, अध्‍यक्ष से एसडीएम ने मांगा जवाब

श्रीधर धर्मशाला का फर्जी ट्रस्‍ट बनाकर दुकानों का किया आवांटन, अध्‍यक्ष से एसडीएम ने मांगा जवाब
-शहर के अटेर रोड पर ब्रह्मेश्‍वर महादेव मंदिर एवं संतोषी माता मंदिर के नाम से बनाया गया था ट्रस्‍ट
भिंड। शहर के अटेर रोड पर संतोषी माता एवं ब्रह्मेश्‍वर महादेव न्‍यास द्वारा संचालित श्रीधर गोस्‍वामी धर्मशाला को लेकर विवाद बढ़ गया है। मामले में अब एसडीएम उदयसिंह ने हस्‍तक्षेप किया है और ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष को असल दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने के आदेश जारी किए हैं। एसडीएम ने ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष सत्‍यनारायण शर्मा को नोटिस थमाते हुए तीन दिन के भीतर अध्‍यक्ष बनाए जाने की प्रोसिडिंग तथा उसका सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदन मांगा गया है। इतना ही नहीं ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष को अभी तक धर्मशाला एवं दुकानों के किए गए संचालन में हुए आय-व्‍यय का पूरा लेखा-जोखा देना पड़ेगा। नोटिस में स्‍पक्ष कहा गया है कि अध्‍यक्ष बनाए जाने का अभिलेख एवं ट्रस्‍ट के दस्‍तावेज प्रस्‍तुत नहीं करने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
यहां बता दें कि अटेर रोड पर श्रीधर गोस्‍वामी धर्मशाला के ट्रस्‍ट का अध्‍यक्ष सत्‍यनारायण शर्मा काे बनाया गया है। एसडीएम कोर्ट द्वारा पिछले छह माह से ट्रस्‍ट के दस्‍तावेज एवं वित्‍तीय खर्च का आय-व्‍यय मांगा जा रहा है, लेकिन अध्‍यक्ष द्वारा जवाब प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। ऐसे में अब इस ट्रस्‍ट को लेकर प्रशासन सख्‍त नजन आ रहा है और 29 जून तक जवाब प्रस्‍तुत न करने पर अध्‍यक्ष के खिलाफ कर्रवाई की जाएगी।
क्‍या है नियम:
एसडीएम उदयसिंह सिकरवार ने बताया कि जो भी कोई चीफ ट्रस्‍टी बनता है तो उसकी बैठक करके अनुमोदन एसडीओ से करा ता है, लेकिन इस ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष बने सत्‍यनारायण शर्मा ने न तो टस्‍टी की बैठक कभी ली और न हीं अनुमोदन किया गया है। उसके बाद ही विधिवत वित्‍तीय अधिकार का प्रयोग कर सकता है। हर साल ऑडिट कराना चाहिए वह भी नहीं कराया गया है। आय-व्‍यय का ब्‍योरा नहीं दिया है। पिछले छह माह से दस्‍तावेज मांगे जा रहे हैं, लेकिन इनके द्वारा यह प्रस्‍तुत नहीं
ट्रस्‍ट से 2012 में ट्रस्‍ट बना था।
जमीन पर भी जांच जारी:
ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष पर धरई और निवारी गांव में ट्रस्‍ट पर दी गई जमीन को लेकर भी विवाद है। अध्‍यक्ष सत्‍यनारायण शर्मा को इस जमीन को लेकर भी नोटिस थमाया गया है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अध्‍यक्ष द्वारा सही जवाब देने की बजाय प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है। कभी सूचना का अधिकार के तहत शिकायत लगा देते हैं तो कभी वैधानिक दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने से बचते हैं।
नोटिस में क्‍या लिखा:
अध्यक्ष सत्‍यनारायण शर्मा ब्रम्हेश्वर महादेव मंदिर एवं संतोषी माता मंदिर अटेर रोड भिण्ड
आपसे यह जवाब चाहा गया था कि ब्रम्हेश्वर महादेव मंदिर एवं संतोषी माता मंदिर पर आपको अध्यक्ष बनाये जाने की प्रोसिडिंग तथा उसका सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदन चाहा गया था, साथ ही आपको ट्रस्ट के द्वारा की गई गतिविधियों का आय व्यय का व्योस एवं उसका आडिट रिपोर्ट प्रतिवर्ष का चाहा गया था। तमाम सूचनाओं के बाबजूद भी आपके द्वारा उक्त विषय में किसी भी प्रकार का कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। आपको अंतिम अवसर देते हुये यह निर्देशित किया जाता है कि 3 दिवस के भीतर आपको उक्त ट्रस्ट के अध्यक्ष बनाये जाने का अभिलेख एंव ट्रस्ट के आय व्यय का व्योरा प्रस्तुत करें। जबाब प्रस्तुत न करने की स्थिति में यह माना जाएगा कि आपके द्वारा उक्त ट्रस्ट का संचालन अवैध तरीके से किया जाकर ट्रस्ट की समस्त आमदनियों का उपयोग निजी हितों के लिये किया जा रहा है, तथा जबाब प्रस्तुत न करने की स्थिति में एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी।
क्‍या बोले अधिकारी:
जिस ट्रस्‍ट का संचालन किया जा रहा है, उसके अध्‍यक्ष से वित्‍तीय आय-व्‍यय का ब्‍योरा पिछले छह माह से मांगा जा रहा है। अंतिम बार नोटिस भेजा है, जवाब न मिलने पर अब कार्रवाई की जाएगी।
उदयसिंह सिकरवार, एसडीएम, भिंड

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