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महतारी हुंकार रैली में स्मृति ईरानी ने लगाई हुँकार एबीसी का उदाहरण दे कर कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प

राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा महिला मोर्चा की महतारी हूंकार रैली में शामिल होकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जमकर हमले किये। करीब 3 किलोमीटर लंबी रैली में 15000 से अधिक कार्यकर्ता शामिल हुए। रास्ते में पुष्प वर्षा कर रैली का स्वागत किया गया। बग्घी और रथ में सवार भाजपा के नेता जगमल चौक से नेहरू चौक पहुंचे। रास्ते में गांधी चौक से स्मृति ईरानी रैली में शामिल हुई। उनके साथ ट्रक में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव आदि नजर आए। नेहरू चौक में आयोजित जनसभा को प्रदेश के भाजपा नेताओं ने संबोधित किया तो वही जनसभा को संबोधित करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि हम घर में घुसकर वार करने वाले लोग हैं।
अंग्रेजी में ए फॉर अमेठी और अमेठी से कांग्रेस की जमानत जप्त की अब बी फॉर बिलासपुर होता है। अब बिलासपुर की बारी है सी फ़ॉर छत्तीसगढ़ से कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकना है हाथ में गंगाजल लेकर प्रदेश की जनता को छलने निकले कांग्रेस नेता बताएं 6000 महिलाओं के साथ क्या हुआ। जनता की तिजोरी कैसे लूटे, इसी में सरकार की रुचि है। स्मृति ईरानी ने कहा कि विपदा की घड़ी में एक तरफ मोदी सरकार घर- घर अनाज पहुंचा रही है, वहीं दूसरी तरफ राज्य की सरकार का ध्यान शराब घर घर पहुचाने का काम किया । उन्होंने इशारे इशारे में बताया कि यहां की सरकार का रिमोट कंट्रोल त्रिमूर्ति के हांथो है। स्मृति ईरानी ने कहा कि यहां की सरकार ने 16 लाख परिवार के सर से छीन ली। इसी गंतव्य में रमण सिंह ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि भूपेश बघेल नकली असली सीडी कांड में जेल से जमानत पर है वो इंसान हमारे ऊपर क्या आरोप लगाएंगे।

नही दिखा पाए कोंग्रेसी हुँकार रैली में काला झंडा

जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस के कार्यकर्ता खड़े होकर काफिले का इंतजार करते रहे और वो आई सामने से निकल गई। जब तक उन्हें समझ में आता तब तक वो आगे बढ़ चुकी थी।
तिफरा बजरंग होटल के पास कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता खड़े थे। स्मृति ईरानी को काला झंडा दिखाकर अपना विरोध प्रदर्शन करने की उनकी पूरी तैयारी थी, लेकिन इंटेलिजेंस के आगे यह तैयारी धरी की धरी रह गई। कांग्रेस के कार्यकर्ता काला झंडा लेकर खड़े रहे और उन्हें पता ही नही चला स्मृति ईरानी का काफिला कब आगे बढ़
दरअसल उनका काफिला इतना बड़ा था की उन्हें समझ में ही नही आया की स्मृति ईरानी उनके सामने से ही पलक झपकते ही निकल गई। कांग्रेस के पदाधिकारियों को ये तक समझ नही आया की वो किस गाड़ी में बैठी है। कुल मिलाकर कांग्रेस कार्यकर्ता ताकते रह गए और उनकी तैयारी धरे के धरी की धरी रह गई। इस दौरान पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन स्थल के पास एक जगह रोके रखा, जिसके चलते कांग्रेसी स्मृति ईरानी को काला झंडा दिखाने में कामयाब नहीं हो पाए। हालांकि झंडा दिखाते समय विजय केसरवानी के अलावा कुछ ब्लाक अध्यक्ष और तिफरा के कार्यकर्ता ही मौजूद थे। शहर के नेता इस विरोध से अपने आपको दूर रखा।

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