बिलासपुर। धोखाधड़ी कर के लोगों से पैसे ऐंठने का एक नया तरीका इन दिनों बिलासपुर में अपनाया जा रहा है वो है क्रिकेट अकैडमी बनाकर अभिभावकों को बड़े बड़े सपने दिखाना और लाखों की ठगी करना। ठगी के इस गोरखधंधे में कुछ ऐसे लोग मास्टरमाइंड हैं जो सरकारी नौकरियां कर रहे हैं।
हमारी पड़ताल में मालूम चला है कि बिलासपुर में इस समय 5 ऐसी क्रिकेट अकेडमियां हैं जिनका संचालन करने वाले लोग रेलवे के कर्मचारी हैं। हमें बताया गया है कि सरकारी नौकरी करने वाला व्यक्ति ऐसी प्राइवेट संस्थाओं का संचालन नहीं कर सकता। संबंधित क्रिकेट अकेडमियां सरकार द्वारा पंजीकृत हैं या नहीं इसकी जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं हो पाई है।
बता दें कि अभी हाल ही में प्राइम क्रिकेट अकादमी के कोच के खिलाफ तोरवा थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। ये संस्था बच्चों को फॉरेन, गोवा और मलेशिया में क्रिकेट टूर्नामेंट में सेलेक्ट कराने के नाम से लाखों रुपए वसूल रही थी। पीड़ित अभिभावकों ने बताया कि डायरेक्टर अंजुल दुआ और कोच सन्नी दुआ के उनके बेटे को सुनहरे सपने दिखाकर दिसम्बर 2021 में बच्चों को और कुछ अभिभावकों को आल इंडिया गोवा कप के नाम से सूचना दिए, कि नेशनल लेवल का टूर्नामेंट है और इसका सर्टिफिकेट बहुत मायने रखता है। यही बोलकर सभी बच्चों एवं अभिभावकों से नगदी रकम एवं ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से धोखाधड़ी कर पैसा लिया गया है। कुल 6149400 रुपयों की ठगी हुई।
ये तो एक अकेला मामला है जो उजागर हो गया लेकिन शहर में कई और संस्थाएं इसी तरह लोगों के साथ धोखाधड़ी कर के पैसे ऐंठ रही हैं। आगे की खबरों में संस्था और संचालक के नाम के साथ ख़बर प्रकाशित करेंगे। ताकि लोग सचेत रहें और बच्चों का भविष्य बर्बाद न हो।
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