पूर्व सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल के ने एक बार फिर जजो की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से लगाई न्याय की गुहार,,,,,पढ़े पूरी खबर
दिल्ली/बिलासपुर- पूर्व सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल के ने एक बार फिर जजो की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये है, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश को पत्र लीखकर कहा हैं कि मैं एक बेहद सूक्ष्म एवं दूरदर्शी स्वभाव का व सम्पूर्ण ईमानदार न्यायाधीश रहा हूँ, वर्ष 2012 से 2016 के मध्य तत्कालीन हाई कोर्ट के जज श्री टी पी शर्मा तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश नवीन सिन्हा ,तत्कालीन रजिस्ट्रार जनरल अशोक पंडा आदि के द्वारा छत्तीसगढ़ एवं देश के बड़े बड़े प्रकरणों (भदौरा जमीन घोटाला, व्यापम/पीएमटी घोटाला जिसमे आज तक हजारों लोगों की हत्या हो चुकी हैं, पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा की हत्या का मामला) की जाँच, विचारण एवं निराकरण मुझसे करायी गई, यहां तक कि सारे न्यायिक परंपरा एवं नियमो को शिथिल करते हुए मुझे सीबीआई मजिस्ट्रेट रायपुर के अतिरिक्त प्रभार प्रदान कर छत्तीसगढ़ राजधानी में रायपुर में पदस्थ किया गया। सभी प्रकरणों में विधि अनुकूल तथ्यों के अनुसार निष्पक्ष रूप में मेरे द्वारा निष्कर्ष निर्णय दिया गया। जिसका परिणाम यह हुआ कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्य मंत्री रमन सिंह केबिनेट मंत्री अमर अग्रवाल का संलिप्तता पाया गया, जिस पर पुलिस के द्वारा कोई भी कार्यवाही नही किया गया है।
यह कि तस बीच टी पी शर्मा रजिस्टार अशोक पंडा जी रिटायर्ड हो गए। ये जज नवीन सिन्हा जज प्रीतम दिवाकर फिर आपराधिक षड्यंत्र कर मुझे नक्सली हमले के नाम पर हत्या कराने के लिए सुकमा जिले में गलत रूप से स्थानांतरण कराए षणयंत्र उजागर हो जाने से हत्या न करे सके । (मुझे जज बृजगोपाल हरिकिशन लोया जैसे जैसे मरवाने का षणयंत्र किये थे) मेरे साथ टोल प्लाजा में मारपीट कराए थे फिर मेरे विरुद्ध आपराधिक परिवाद पंजीयन कराए। बिना किसी सूचना एवं विभागीय कार्यवाही कर पब्लिक इंटरेस्ट शब्द का उपयोग कर आनन फानन में मेरी सेवा को समाप्त कर दिए हैं मेरे खिलाफ चल रहे षणयंत्र में नवीन सिन्हा वर्तमान इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज प्रीतम दिवाकर को भी शामिल कर लिया गया है, मेरे विवाद के कारण ही नवीन सिन्हा एवम प्रीतम दिवाकर को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से हटाया गया था। मेरी पत्नी के द्वारा जज नवीन सिन्हा एवं जज प्रीतम दिवाकर के विरुद्ध आपराधिक परिवाद में प्रस्तुत किया गया है, जिसे बिना किसी अधिकारिता के बिना किसी वाद के कारण उच्च न्यायालय में लाकर स्थगित कर दिया गया है।
यह कि मेरे सेवा समाप्ति के खिलाफ मेरे द्वारा सिंगल बैंच में याचिका लगायी गयी, जिससे स्वीकार किया गया था, पर नवीन सिन्हा प्रिंतिकर दिवाकर के दबाव मेंनिर्णय को एन वक्त में बदल दिया गया, जिसकी अपील रीट प्रकरण क्रमांक 422/2020 वर्तमान में उच्च न्यायालय बिलासपुर में लंबित हैं। कई लोकल जजो के द्वारा सुनवाई करने से इनकार कर दिया गया है, चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी के न्यायालय में सुनवाई चल रहा है, जिसे फिर एन वक्त पर संजय के अग्रवाल व राधा किशन अग्रवाल के न्यायालय में सुनवाई हेतु नियत कर दिया गया है, संजय के अग्रवाल वोई जज हैं जो मेरे खिलाफ हुई निष्कासन कार्यवाही में भाग लिया है, और मेरी पत्नी के परिवाद को क्रिमिनल रीट याचिका क्रमांक 88/2016 के रूप से गलत आधार पर स्थगन आदेश जारी कर दिया गया है।
यह कि इस प्रकार मेरे विरुद्ध यह कि इस प्रकार किये गए षणयंत्र को रिटायर्ड जज श्री नवीन सिन्हा सुप्रीम कोर्ट वर्तमान हाई कोर्ट जज श्री प्रीतम दिवाकर के द्वारा प्रभावित किया जा रहा है, इसकी उचित जांच कर इस षणयंत्र में शामिल हर व्यक्ति के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया जाना बहुत जरूरी है ये लोग अन्याय की सारी लांघ चुके है पद एवं अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं,
यह कि अभी जो श्रीमान जज नवीन सिन्हा जी को जो छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है, यदि श्रीमान रमेश सिन्हा सर जी पूर्व जज नवीन सिन्हा के रिश्तेदार या करीबी हो तो इनको मेरे याचिका से लंबित रहते तक छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में न भेजे या मेरे प्रकरण को किसी अन्य उच्च न्यायालय में जहां की श्री नवीन सिन्हा प्रीतिकर दिवाकर का प्रभाव न हो वहां भेजे जाने का उचित आदेश पारित करने की विशेष कृपा करें।
मेरे आवेदन पर तत्काल ही उचित कार्यवाही कर मुझे न्याय दिलाने की विशेष कृपा करें और मेरे विरुद्ध जो जो षणयंत्र में शामिल है सबके भी पृथक से आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश देने की विशेष कृपा करें।
इस प्रकार मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट को आवेदन लीखकर पूर्व सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल ने न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।
Sanjeev singh Address bhartiya nagar bilaspur 7000103836