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पुलिस कप्तान संतोष सिंह की पहल पर बेलगहना पुलिस ने पहली बार नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया।

60 साल पहले दूसरे समाज की महिला से शादी करने पर एक परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया, परिवार द्वारा गुहार लगाने पर पिछले साल परिवार को समाज में शामिल तो किया गया, परन्तु कुछ लोगों ने उनके सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक लगा दी, लोगों से मिलने जुलने पर धमकी भी देने लगे। शिकायत मिलने पर एसपी की पहल पर बेलगहना पुलिस ने धमकी देने वाले 7 लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है।

 

प्रदेश का गठन होने के बाद पहली बार पुलिस ने नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 के तहत किसी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार, खैरीटी निवासी गेलन उर्फ मुन्नी बाई गन्धर्व पति नटवरलाल गन्धर्व 50 साल ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसके अनुसार 60 साल पहले उनके परदादा खसुर ने समाज की दूसरी महिला से शादी कर ली थी। उस दौरान समाज के लोगों ने उनके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया था। लंबे समय तक उनका परिवार समाज से बाहर था और किसी भी कार्यक्रम में उन्हें नहीं बुलाया जाता था। गेलन उर्फ मुन्नी बाई ने बच्चों के शादी करने का समय आया तो वर्ष 2022 में समाज के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों से मिलकर उन्होंने अपनी समस्या सुनाई। अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों व समाज के लोगों ने उनके परिवार को समाज में शामिल कर लिया। उसके बाद रिश्तेदारों के घरों में कोई भी कार्यक्रम होने पर उनके परिजन शामिल होने लगे, लेकिन उनके समाज के 7 लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। जो रिश्तेदार उनके परिजन को कार्यक्रम में शामिल करते थे, वे उनके घर जाकर विरोध जताते थे, साथ ही उक्त परिवार को समाज से बाहर कर देने की धमकी देते थे। लंबे अरसे बाद समाज में मिलने के बाद हो रहे दुर्व्यवहार की शिकायत पीड़ितों ने एसपी संतोष कुमार सिंह से मिलकर की। एसपी सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बेलगहना चौकी प्रभारी को मामला दर्ज करने का आदेश दिया। उसके बाद बेलगहना पुलिस ने 7 लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर धारा 294, 34 व नागिरक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है।

 

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