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ग्रामीण अंचल में चल रही प्रधानमंत्री नल जल योजना में खोदी गई सड़क ग्रामीणों का बना सिर दर्द , ठेकेदारों की मनमानी संबंधित अधिकारी नहीं ले रहे हैं संज्ञान।

प्रधानमंत्री नल जल योजना में खोदी गई सड़क ग्रामीणों का बना सिर दर्द, ठेकेदारों की मनमानी संबंधित अधिकारी नहीं ले रहे हैं संज्ञान।

ग्रामीण अंचलो मे बीते एक वर्ष से प्रधानमंत्री नल जल योजना के तहत पाईप लाइन बिछाने खोदी गई सड़क व गलियों ने ग्रामीण इलाकों की सड़क की सूरत बदल डाली है विभिन्न इलाको मे इस योजना के लिए खोदी सड़क परेशानी का सबब बन गया है। निगम छेत्र सिरगिट्टी से लगे ग्राम पंचायत बन्नाक डीह,नगपुरा,सिलपहरी के बाद अब ग्राम पंचायत कोरमी मे बीते कुछ माह पूर्व से नल जल योजना का कार्य किया जा रहा है इस योजना के तहत खोदी गई।
सड़क के किनारे व मिट्टी की सड़क बद से बदतर हो चुकी है सड़क खोदकर पाइप डालने के बाद सड़क को बिना समतल किए छोड़ दिया गया है। नतीजा सड़क के बीचों-बीच तो कही सड़क किनारे मिट्टी पत्थर को छोड़ दिया गया है ऐसे में सड़कों पर वाहन लेकर चलना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है नल जल योजना में पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदे गए गड्ढे में कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। हालही मे हुए बारिश से ग्राम की एक मात्र सड़क पर चलना लोगो के लिए भारी पड़ रहा है रोज इसमे स्कूली बच्चे सहित मोटरसयकल चालाक फिसल कर गिर रहे है,इससे प्रभावित व चोटिल हुए लोगो ने बताया की घर-घर में शुद्ध पानी पहुंचाना अच्छी बात है योजना काफी धीमी गति से चल रही है। गाँव के गली व मुख्य सड़कों पर पाइप लाइन बिछाने को लेकर खोदे गए गड्ढे ग्रामीण वासियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है जबकि अभी पानी टंकी का कोई अता पता नही है।


हर ग्राम मे नल जल योजना के तहत पाईप लाइन मुख्य सड़क के बीचो बिच डाली जा रही है परन्तु इस ग्राम मे ठेकेदार द्वारा नियम को ताक मे रखकर कुछ दूर तक सड़क के बीचो बिच तो कुछ दूर तक सड़क की किनारे पाइप डाला जा रहा है। जबकि इसे भी समतल नही किया जा रहा है अगर पाईप लाइन सड़क के किनारे डाली गईं तो ए तो अपना काम करके निकल जाएंगे आगे चलकर सड़क किनारे नाली निर्माण मे यह पाईप लाइन एक बार फिर वहा के निवासियों के लिए सिर दर्द का कारण बन जाएगा।

*ग्राम प्रमुखो को हस्तक्षेप करने का अधिकार ही नही*

सूत्रों की माने तो इन दोनो ग्राम पंचायतो मे इस योजना के तहत किए जा रहे कार्य मे धरासाही की जा रही है किए जा रहे टंकी निर्माण सहित लगाए जा रहे समाग्री मे खामीया हीं खामिया है.परन्तु मानिटरिग करने वाले इंजिनियर व अधिकारियों को भी यह नजर नही आ रहा जबकी काम खत्म होने के बाद कमजोर पाईप का दंश उस ग्राम पंचायत के संबंधितो को झेलाना पड़ेगा जिन्हे अभी किसी भी कार्य की न तो जानकारी दी जा रही है नही इनके हस्तक्षेप पर सुनवाई हो रही है। इसी मार्ग से स्कूली बच्चे जाते हैं स्कूल।

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