संवाददाता शेख असलम की रिपोर्ट
एक तरफ निगम शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का कार्य कर रही है
तो वहीं पर वार्ड क्रमांक 23 के समता कॉलोनी उद्यान के पास रहने वाले लोग आज 4 साल से समस्याओं से जूझ रहे हैं उनकी समस्याओं का आलम यह है कि उनके क्षेत्र की नालियां बज बजा रही है कम से कम 40 से 50 मकानों में रहने वाले बच्चे जिनकी संख्या लगभग सौ से डेढ़ सौ है जिन्हें गंभीर बीमारी होने का अंदेशा. नालियों का पानी जाम होने के बाद सड़कों तक आ गया है जिससे आवागमन में लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है इसकी बदबू इतनी ज्यादा है और इसमें इतनी ज्यादा मच्छर हो गए हैं
कि मोहल्ले वासियों का जीना दूभर हो गया. अब आपको बताते हैं समता कॉलोनी उद्यान की जहां पर बच्चों का घरों से निकलना तो दूर उद्यान में पहुंच पाना भी मुश्किल है क्योंकि उनके पालक इस बात से हमेशा भयभीत रहते हैं कि कहीं उन्हें गंभीर बीमारी अपनी चपेट में ना ले ले. लगभग 4 साल से इस समस्याओं से जूझ रहे मोहल्ले वासियों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है अगर उनको उनकी समस्याओं का जल्द निराकरण नहीं किया गया तो वह जल्दी ही उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे ऐसा कहना मोहल्ले वासियों का है वार्ड पार्षद उनकी सुध लेने भी उनके एरिया में नहीं पहुंच पा रहे हैं
जैसा कि मोहल्ले वासियों ने बताया कई बार पार्षद को इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया है. ऐसा हाल सिर्फ समता कॉलोनी वार्ड नंबर 23 का ही नहीं बल्कि शहर के हर क्षेत्र हर उस गली का है जहां पर वार्ड पार्षद नदारद नजर आते हैं
मोहल्ले वासी के द्वारा बताया गया कि जब भी वह पार्षद के पास जाते हैं तो उनको यही आश्वासन दिया जाता है कि टेंडर हो चुका है और जल्दी कार्य प्रारंभ किया जाएगा ऐसा आश्वासन आज उन्हें 4 वर्षों से विगत मिल रहा है अब यह बात समझ से परे है कि टेंडर होने के बाद कार्य नहीं हो रहा है और अगर टेंडर निकल रहा है तो वह टेंडर किसको मिल रहा है उसकी राशि कहां पर जा रही है यह सब संदेह के घेरे में है लेकिन यह समस्या आज भी बनी हुई है कि समता कॉलोनी उद्यान के पास की नाली और रोड के गंदे पानी का भराव और नाली का जाम होना जो कि वहां के मोहल्ले वासियों की सबसे बड़ी समस्या है अब देखना यह है कि वार्ड पार्षद अपने इस कार्यकाल में यह समस्या को दूर कर पाते हैं कि नहीं?