सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने अपने अनुभव को किया साझा,,,,
कहा – छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पहले ही दिन मेरा मोबाइल बज उठा,, देशभर में ये वाक्या फैल गया,,,,,
मै कोशिश करूंगा की जो छत्तीसगढ़ के यह सम्मान कोलेजियम ने दिया है, मैं बहुत आभारी हूं – जस्टिस मिश्रा
शेख असलम
जिस भुमि जिस बार ने हमे इतना कुछ दिया उसका ऋण कभी चुका नही पाऊंगा,
सुप्रीमकोर्ट के नवनियुक्त जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा का आज जिला अधिवक्ता संघ ने अभिनंदन सम्मान समारोह का आयोजन लखीराम ऑडिटोरियम में किया। जस्टिस मिश्रा को श्रीफल और शॉल ओढ़ाकर उन्हे सम्मानित किया गया। इसके अलावा अधिवक्ता संघ द्वारा जस्टिस मिश्रा को भगवान सूर्य देव के वाहन अश्व का प्रतीक चिन्ह भी उपहार में दिया गया। बतादें की जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सिनियर एडवोकेट, फिर जस्टिस, सिनियर मोस्ट जस्टिस के बाद एक्टिंग चीफ जस्टिस बने। जस्टिस मिश्रा को आंध्र प्रदेश का चीफ जस्टिस बनाया गया। उसके आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में ऐतिहासिक फ़ैसला सुनाया। जिसके बाद सुप्रीमकोर्ट के कोलेजियम ने जस्टिस मिश्रा का नाम सुप्रीमकोर्ट जस्टिस के लिए चुना। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा के सुप्रीमकोर्ट जस्टिस बनने के बाद उसके सम्मान के लिए आज जिला अधिवक्ता संघ ने सम्मान समारोह का आयोजन किया। इस मौके पर जस्टिस मिश्रा ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट में पहले ही दिन उनका मोबाइल बज उठा। ये वाक्या देशभर में फैल गया। जस्टिस मिश्रा ने कहा कोलेजियम ने छत्तीसगढ के एक जस्टिस को यह सम्मान दिया है मै बहुत आभारी हूं। साथ ही कहा की जिस छत्तीसगढ़ की भूमि और बार ने हमें इतना कुछ दिया मैं उसका ऋण कभी नहीं चुका पाऊंगा।
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा सुप्रीमकोर्ट
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