कोई भी संस्कृति हो बगैर संगीत अधूरी है बल्कि सिंधी समाज ही नही हर एक समाज को पाश्चात्य सभ्यता को अपनना नहीं चाहिए, राजस्थान घड़ी की अनूठी कला का प्रदर्शन किया
राजस्थान के और गुजरात बन्नी कच्च जी ने अपनी कला का किया, छोटे-छोटे बाल कहानियां, को आगे बढ़ाने के लिए कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया आगे छत्तीसगढ़ में पूरे हिंदुस्तान में फैला, एक प्राचीन सारंगी का भी प्रदर्शन किया गया,
इस कार्यक्रम के दौरान, एक इलेक्ट्रिक सिंधी सारंगी का प्रदर्शन किया गया जिसमें 50 प्रकार के धुन सुनाई से पूरा भवन गूंज उठा,
उंगली के सहारे चलाई जाने वाली इलेक्ट्रिक सिंधी सारंगी जिसमें उंगलियों को नुकसान भी नहीं होगा, सिंधी समाज का यह कार्यक्रम सिम्स ऑडिटोरियम में आज शाम 5:00 बजे से शुरू हुआ
और अटल बिहारी यूनिवर्सिटी के मुख्य अतिथि श्री वाजपेई व साथ मे ललित मखीजा, अजमेर से आए हुए घनश्याम बाबा जो कि राजस्थान के मशहूर कलाकार है वइस कार्यक्रम के जरिए अपनी जनरेशन व सिंधी समाज को नई जनरेशन को अपने समाज के प्रति जागरूक किया।
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