[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="यह खबर हिंदी आडिओ में सुने "]

बिलख कर रोने वाली कौन है नाबालिग बालिका, क्यों पहुंची पुलिस अधीक्षक कार्यालय किस शीर्ष पार्टी के शीर्ष नेत्रि महिलाओं ने थामा उसका हाथ।

आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया, जहां पर माता पिता अपने स्वार्थ के लिए बच्ची को दर बदर भटकने को मजबूर कर दिए, वहीं पर परिजन के रूप में फरिश्ते बनकर आए प्रियंका शुक्ला और डॉक्टर उज्जवला कराडे यह दोनों सिर्फ महिला नेता एक खास राजनीतिक पार्टी के विशेष पद पर भी हैं, और इन लोगों ने आगे बढ़कर इस बच्ची का हाथ थामा है और पुलिस अधीक्षक से भी अनुमति मांगी है

संवाददाता शेख असलम
मामला दरअसल तोरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत देवरीखुर्द हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास का है जहां पर एक 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची आज अपना दर्द लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास रोते हुए बैठी हुई थी जहां पर आम आदमी पार्टी की शीर्ष महिला नेताओ ने नाबालिक बच्ची का हाथ थामा और जब उसकी कहानी सुनी तो उनके आंख से भी आंसू छलक पड़े, बच्ची ने घटना के बारे में बताया कि वह अपने माता पिता के साथ रहना चाहती है परंतु, उसके माता-पिता कुछ वर्ष पहले अलग  होकर अपनी अपनी शादी कर ली है, जिन से उनको बच्चे भी हैं वहीं पर यह 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची फूट-फूट कर रो पड़ती है,

 

बच्ची बताती है कि जब वह अपने मां के पास जाती है तो उसकी मां उसके समाज की नहीं है  बोल कर उसे मारपीट कर भगा देती है, यही हाल उसके पिता का भी है उसके पिता भी यही बोलते हैं कि तू उसके समाज के नहीं है इसलिए तू यहां से जा और वह भी इसी तरह के दुर्व्यवहार करके उसे भगा देता है अब सवाल यह उठता है कि आखिर  बच्ची  को यह भी नहीं मालूम कि उसे आगे करना क्या है वही जब वो आज घर से बगैर सोचे समझे निकल पड़ती है कि उसे जाना कहां है और वह पहुंच जाती है पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास जहां पर फरिश्ते के रूप में उन्हें  महिला नेता से मुलाकात होती है, जो एक राजनीति पार्टी के भी पद  पर हैं जब इस बच्ची के पास पहुंचकर उसके सारी दास्तान सुनते हैं अपने आप को नहीं रोक पाए और  वह बच्ची को लेकर पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचते हैं, और पुलिस अधीक्षक को इस मामले की पूरी जानकारी देते हैं जहां पर बिलासपुर पुलिस अधीक्षक ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए तुरंत ही कार्रवाई करते हुए को निर्देश देते हुए यह कहा है कि बच्ची के माता-पिता को बुलाकर उन्हें समझाइश दी जाए, कि आगे बच्चे का भविष्य खराब ना हो, वहीं पर दोनों शीर्ष महिला नेताओं ने पुलिस अधीक्षक से यह आग्रह किया कि यदि बच्ची चाहे तो वह उसको रखने को अपने साथ तैयार हैं, फिलहाल अभी बच्ची बहुत बड़े सदमे में है,महिला शीर्ष नेता जो राजनीति पार्टी पर विशेष पद पर हैं बिलासपुर से वह इस बच्ची को अपने संरक्षण में रखने के लिए तैयार है, और इसकी अनुमति पुलिस अधीक्षक बिलासपुर से भी मांगी है जिस पर पुलिस अधीक्षक महोदय ने उन्हें आश्वासन दिया है कि अगर बच्ची चाहे तो वह उनके साथ रह सकती है, मां-बाप की गलतियों के बीच बच्ची का क्या कसूर दर-दर भटकने को मजबूर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *