संवाददाता शेख असलम के साथ प्रांशु छत्रिय
अमृत सरोवर योजना को मूर्त रूप देने केंद्र सरकार कर रही करोड़ो खर्च, जिम्मेवार घटिया निर्माण कर, कर रहे राशि का बंदरबांट…..!!?
जाँजी में ग्रामीणों ने की भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग, जानिए पुरा मामला…..??
सीपत:- केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवर योजना का मस्तूरी विकासखंड में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। वर्षा जल के संरक्षण और भू-जल स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से तालाबो का गहरीकरण और सौन्दर्यीकारण किया जा रहा है। लेकिन जिन्हें यह कार्य सौंपा गया है, वही घटिया निर्माण कर राशि का बंदरबाट करने में लगे है, यही कारण है कि इस योजना का सीधा लाभ आमजन को मिलते नहीं दिख रहा है।
बता दे कि मस्तूरी विकासखंड के ग्राम पंचायत जाँजी के तिलखईहा तालाब में तीन माह पूर्व अमृत सरोवर योजना के तहत 10 लाख रुपए की लागत से सरपंच शिवनाथ रोहिदास द्वारा पचरी का निर्माण कराया गया था। जो भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया हैं।
ग्रामीणों ने कार्य एजेंसी पर आरोप लगाया है कि 10 लाख की लागत से निर्मित इस अमृत सरोवर के सुंदरीकरण के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है। पचरी निर्माण में गुणवत्ताहीन मटेरियल का उपयोग किया गया है, यही कारण है कि महज 3 माह के भीतर ही भ्रष्टाचार की परते उखड़ने लगी है। ग्रामीणों ने शासन से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की हैं।
तालाब का नहीं हुआ समतलीकरण, पत्थरो के ढेर हैं:-
अमृत सरोवर योजना के तहत जिस तालाब का गहरीकरण किया गया है, उसका अभी तक समतलीकरण भी नहीं हुआ है और तालाब में पानी भी भर गया हैं। ग्रामीणों का आरोप हैं, कि तालाब में चारों तरफ पत्थरों का ढेर लगा हुआ हैं, जिसमें निस्तारी के दौरान परेशानी होती है। तालाब में जो पिचिंग का कार्य भी किया गया है, जिसका पत्थर उखड़कर अभी से बाहर आना शुरू हो गया हैं।
सरपंच ने माना कि पचरी निर्माण में हुई है गड़बड़ी:-
मामले में ग्राम पंचायत सरपंच शिवनाथ रोहिदास का कहना है कि तालाब के सौंदर्यीकरण में पचरी निर्माण के लिए मैंने मिस्त्री को पूरा मटेरियल दिया था, लेकिन मिस्त्री ने सही ढंग से काम नहीं किया है, कार्य मे गुणवत्ताहीन मटेरियल का उपयोग किया है, जिस कारण पचरी क्षतिग्रस्त होने लगी है। मैं उसका निर्माण पुनः करवाउंगा।