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पीएम आवास बना तो गिरती छत और टपकते पानी से मिली मुक्ति*

*पीएम आवास बना तो गिरती छत और टपकते पानी से मिली मुक्ति*
— पीएम आवास से रामनारायण का हुआ सपना साकार। राजेंद्र प्रसाद जायसवाल  रिपोर्ट

 

जांजगीर-चांपा। जिसके घर की कच्ची छत से बारिश का पानी टपक रहा हो और कभी भी उसके गिरने का डर हो ऐसे में वह कैसे सुरक्षित जीने की कल्पना कर सकता है और इतने पैसे भी न हो कि घर के छप्पर को भी ठीक करा सकें। यह आप बीती थी कचंदा गांव में रहने वाले रामनारायण राठौर की, लेकिन अब उनके हालात बदल गये हैं, उनके पास प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) से बना पक्का मकान है, जिसकी छत से न तो बारिश का पानी टपकता है और न ही उसके गिरने का डर है, उन्हें कच्चे मकान से मुक्ति मिल गई और वह अपने सपनों के घर में रहने लगे हैं।
जिले के बम्हनीडीह जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत कंचदा में रहते हैं, रामनारायण राठौर पिता श्री कार्तिक राम राठौर। वह बताते हैं कि उनके पास छोटी सी जमीन है जिसमें वह खेती किसानी करते हैं, इसके साथ ही मजदूरी करके अपने परिवार के लिए बमुश्किल गुजारे की व्यवस्था करते हैं। उनका कहना है कि इतनी कम आमदनी में यह सोचना कि पक्का मकान बना ले तो यह संभव नहीं था, जो भी था बस यही था। जैसे-तैसे गुजारा तो हो रहा था, लेकिन जमा पूंजी कुछ नहीं हो रही थी, कि कभी मकान बना सके। फिर उन्होंने पीएम आवास योजना के बारे में विस्तार से जानकारी ग्राम पंचायत के माध्यम से ली। उसके बाद पीएम आवास 2020-21 में स्वीकृत किया गया, आवास निर्माण को लेकर जैसे-जैसे किश्त खाते में आती गई, उन्होंने मकान बनाना शुरू कर दिया। मकान में लगने वाली एक-एर्क इंट उनके मन में उत्साह उमंग पैदा कर रही थी। वह बताते हैं कि जब मकान तैयार हुआ और उसमें गृहप्रवेश किया तो लगा कि जो सपना देखा था, लेकिन पूरे होने की कोई संभावना नहीं था, उसे पीएम आवास योजना के माध्यम से साकार रूप में देखकर मन बहुत प्रसन्न हो रहा है। मकान निर्माण के साथ ही उन्हें घर में शौचालय भी मिला और महात्मा गांधी नरेगा से 90 दिवस की मजदूरी भी प्राप्त हुई है। उनके लिए यह आवास सपनों का मंदिर बन गया और परिवार के साथ उसमें रहने लगे।

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