शिक्षकों के मार्गदर्शन और प्रेरणा से ही छात्र अपने लक्ष्य की प्राप्ति करता है: नरेन्द्र
“”राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की बहुत बड़ी भूमिका है शिक्षक दिवस गुरुजनों के लिए गौरवान्वित पल है।””
———कृष्णा पांडे की रिपोर्ट————————-
पेंड्रा/कोटमी:- मरवाही विकासखण्ड के शासकीय प्राथमिक शाला सेखवा संस्था में हर्ष उल्लास के साथ शिक्षक दिवस मनाया गया।इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने शिक्षकों को श्रीफल पेन और पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया।जनप्रतिनिधियों एवं SMC सदस्यों की उपस्थिति में उपसरपंच सहित पंचों द्वारा शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को यादकर उनकी जीवनी व उपलब्धियों को विद्यार्थियों को बताया गया तथा श्री कृष्णन जी के आदर्शों को आत्मसात
करने हेतु बच्चों को सम्बोधित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुष्पराज डायमंड,अध्यक्षता नरेन्द्र कैवर्त, विशिष्ट अतिथि मूलचंद मार्को,सीताराम कैवर्त, नारायण सिंह,राजेश कैवर्त,उर्मिला बाई,शशि बाई,सोहन सिंह पंच थे। कार्यक्रम के शुभारम्भ में अभ्यागत अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर सर्वपल्ली डॉ.राधाकृष्णन जी की प्रतिमा पर तिलक चंदन से स्वागत कर माल्यार्पण किया।इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने अतिथियों एवं शिक्षक बलराम तिवारी का आत्मीय स्वागत किया।
मुख्य अतिथि पुष्पराज डायमंड ने कहा कि शिक्षक दिवस में शिक्षकों का सम्मान करने से हमारा समाज हमारा देश सशक्त होता है बच्चों के उज्ज्वल भविष्य में शिक्षकों की समर्पण भावना निहित होती है।आज हम जिस मुकाम को हासिल किये हैं यह हमारे गुरुजनों के कारण उनकी शिक्षा की ही देन है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नरेन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि अपने जीवन में लक्ष्य बनाकर चलने पर एक दिन सफलता अवश्य मिलती है। राधाकृष्णन जी एक शिक्षक होकर देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति पद पर आसीन हुये। आज के दिन को उनके जन्मदिन के अवसर पर पूरे भारतवर्ष में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।यह गौरवान्वित पल हम सभी के लिए है। विद्यार्थी पढ़ लिखकर चाहें तो अपने लक्ष्य को हासिल करते हुए तहसीलदार,कलेक्टर के पद पर पहुँच सकते हैं।शिक्षक छात्र का मार्गदर्शक होता है,उन्हें ज्ञान देकर सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। शिक्षकों के प्रेरणास्त्रोत और मार्गदर्शन से ही छात्र अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रेरित होते हैं।
संस्था प्रमुख बलराम तिवारी ने सम्बोधित किया कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की बहुत बड़ी भूमिका है।शिक्षा मानव समाज की नींव होती है और शिक्षक उसके संरक्षक होते हैं।शिक्षक का कार्यक्षेत्र केवल पढ़ाने लिखाने तक ही सीमित नहीं होता,बल्कि वे विद्यार्थियों के चरित्र, नैतिकता और उनके चहुंमुखी विकास में भी सहायक होते हैं। शिक्षक बच्चों में अच्छे संस्कार डालकर उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाता है।यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षक हमारे समाज के नेतृत्व और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत के महान शिक्षाविद् और पूर्व राष्ट्रपति डॉ.राधाकृष्णन जी के आदर्शों एवं उनकी उपलब्धियों से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपसरपंच पुष्पराज डायमंड, नरेन्द्र कैवर्त,मूलचंद मार्को, सीताराम कैवर्त, नारायण सिंह,उर्मिला बाई,शशि बाई,राजेश कैवर्त,सोहन सिंह,रविन्द्र कैवर्त,कीर्ति कुमार,हरनाम सिंह एवं संस्था प्रमुख बलराम तिवारी,सफाईकर्मी ,सोनू कुमार,रसोइया एवं समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
उपसरपंच श्री पुष्पराज डायमंड महोदय जी ने बच्चों की खुशहाली एवं सम्मान समारोह के अवसर पर मिष्टान्न वितरण किया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर संस्था प्रमुख द्वारा आभार व्यक्त किया गया।
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