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कब तक एनजीओ मे काम दिलाने के नाम पर एनजीओ संचालक करेगा फर्जीवाड़ा ?

कब तक एनजीओ मे काम दिलाने के नाम पर होगा फर्जीवाड़ा ?

जैसे कि हम पाठकों को बताए थे की अगले अंक में चंद्रशेखर जटवर की करतूतों का पर्दाफाश हम अपने अगले अंक मे करेंगे ,इसी कड़ी में आज हम यह अपने पाठकों को बताना चाहते हैं कि एक कॉरपोरेट अफेयर्स के व्यवसाई के साथ चंद्रशेखर जाटवर ने 2500000 रुपए का कारोबार के लिए एनजीओ के नाम पर एग्रीमेंट किया, काम ना देने के बाद उसने कॉरपोरेट अफेयर्स के व्यवसाई को ₹1000000 का चेक दीया जोकि बाउंस हो गया, जिसे लेकर कारपोरेट अफेयर  के व्यवसाई की कमर ही टूट गई , व्यवसाई ने चंद्रशेखर जाटव से बार-बार  अपने  रकम वापस करने की रिक्वेस्ट करने के बाद भी पैसा देने से आनाकानी करने लगा, तो व्यवसाई ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद चंद्रशेखर जाट्व ने सुलह कर पैसे देने की बात कही फिर मामला आगे दबता देख चंद्रशेखर जाटव ने व्यवसाई को घुमाने लगा और पैसे देने से आनाकानी करने लगा इससे यह माना जा सकता है कि यह व्यक्ति कितने लोगों को एनजीओ की आड़ में ठगा होगा ?

बता दें कि बेरोजगारी के इस युग मे हर कोई धोखाधड़ी का शिकार होता आ रहा है, ताजा मामला बिलासपुर के श्री राम लाईफ इंश्योरेंस में कार्यरत चंद्रशेखर जाटव का है ,सूत्रों की माने तो नगर निगम में काम करने वाली एक विकलांग महिला से भी यह व्यक्ति लाखों का ठगी कर चुका है, हालांकि महिला सामने आने से डर रही है। क्योंकि चंद्रशेखर जटवा की पहुंच राजनीति से लेकर उच्च अधिकारियों तक है। मिली जानकारी अनुसार यह व्यक्ति उक्त एजेंसी में डेवलपमेंट लीडर के पद पर कार्यरत है । लेकिन लोगों को एनजीओ के नाम पर करोड़ों का चूना लगा चुका है। ऐसा कहने वाले हम नही एक व्यक्ति है। जिसने नाम न छापने की शर्त पर ये जानकारी उपलब्ध कराई और बताया कि समय आने पर मैं सामने भी आऊंगा । जानकारी उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति ने बताया की चंद्रशेखर जाटव द्वारा द न्यू बिगिनिंग फाउंडेशन नामक एनजीओ का संचालन किया जा रहा है और एनजीओ के माध्यम से सरकारी काम लिया जाता है उक्त काम  उनके द्वारा संचालित  किया जाता है,  जिसमे एक निजी कंपनी के कर्मचारी जो कि कॉरपोरेट अफेयर्स से बिलॉन्ग करते है, जिनसे एनजीओ का सरकारी काम दिलाने के नाम पर मोटी रकम लेकर धोखाधड़ी जाटव  द्वारा किया जा रहा है ।
जानकारी उपलब्ध करवाने वाले व्यक्ति द्वारा बताया गया कि एनजीओ में सरकारी काम देना तो दूर की बात है कर्मचारी से लिया हुआ पैसा ही जाटव वापस नहीं कर रहा है, जो कि कर्मचारि से एनजीओ के माध्यम से काम दिलाने के नाम से चंद्रशेखर जाटव ने सहमति दिया  था, काम न मिलने से परेशान होकर जब रकम वापस करने की बात की गई तो चंद्रशेखर जाटव द्वारा आज आना कल आना दे दूंगा बाते कर के घुमाया जा रहा है, और जाटव द्वारा अपने आप को को किसी राजनीति परिवार का दामाद बता कर रौब दिखा  रहा है, अपने इसी रोब का उपयोग करते हुए न जाने कितने लोगों से इस व्यक्ति द्वारा ठगी की गई है, और वेवसाई को भी अपना शिकार बनाया गया है, मिली जानकारी अनुसार जाटव द्वारा इकरारनामा कर ना ही उन्हें काम दिया जा रहा और ना ही उनका पैसा वापस किया जा रहा है इसके विपरीत अन्य नए व्यक्ति को चूना लगाने का प्रयास जिओ संचालक जाटों द्वारा किया जा रहा है। चंद्रशेखर जाटव के कारनामे को हमारे द्वारा मामले की पड़ताल की जा रही है। जिसे हम अपने अगले अंक में प्रकाशित कर सच सामने लाने का प्रयास करेंगे।

#ध्यान देने योग्य बातें#

फिलहाल जनता ऐसे फर्जीवाड़ा करने वाले कंपनी एन जी ओ चलाने वाले व्यक्ति से दूर रहे सचेत रहे।

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