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सदाचारियों का परमकर्तव्य है श्रेष्ठ धर्म का अनुपालन कर मानव जीवन में अहंकार का परित्याग करे : परम व्यास राहुलकृष्णजी महाराज…

*सदाचारियों का परमकर्तव्य है श्रेष्ठ धर्म का अनुपालन कर मानव जीवन में अहंकार का परित्याग करे : परम व्यास राहुलकृष्णजी महाराज*

*””मानव जीवन में अहंकार ही व्यक्ति के पतन का कारण बनता है।माता पिता की सेवा एवं सनातन धर्म की रक्षा करना हमारे आदर्श व संस्कार हैं।””*

कृष्णा पांडे,

*श्री राम कथा महोत्सव के तृतीय दिवस में सुंदर भजनों के साथ कथावाचक ने सतीत्व नारी वृन्दा के चरित्र का वर्णन,विश्वमोहिनी के प्रति आकर्षित नारद मुनि के अहंकार को दूर कर उनके हितों की रक्षा करना एवं भगवान के अवतार के कारणों का वर्णन सहित श्रीराम के जन्मोत्सव की कथा चरित्र का वर्णन किया।*

*कुम्हारी में संगीतमयी श्रीराम कथा महोत्सव का भव्य आयोजन भक्तिमय राममय वातावरण में श्रोताओं ने लिया रामकथा व जीवन्त झांकियों का आनन्द*

गौरेला पेंड्रा मरवाही / मरवाही जनपद पंचायत के ग्राम कुम्हारी में 28 मार्च से 06 अप्रैल तक पंडित कमला प्रसाद-मीरा चौबे परिवार द्वारा निज निवास में श्री रामकथा महोत्सव का भव्य आयोजन कराया गया है।मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राघवेन्द्र सरकार के पावन चरित्र कथामृत का रसपान वृन्दावन धाम से पधारे परम व्यास श्रद्धेय आचार्य राहुलकृष्णजी महाराज अपनी ओजस्वी वाणी से करा रहे हैं।कथा के मुख्य यजमान श्रीमती मीरा चौबे,पंडित कमला प्रसाद चौबे व पारिवारिक सदस्य श्रीमती प्रेमवती तिवारी हैं।इस आयोजन को सफल बनाने में चौबे परिवार के सुपुत्र सत्येश चौबे रितेश चौबे एवं पारिवारिक संबंधी जन महत्वपूर्ण कर्तव्यों का निर्वहन करने में समर्पित हैं।
व्यास महाराज ने कथा सुनाते हुए कहा कि वृन्दा के सतीत्व पतिव्रत धर्म नष्ट होते ही देवताओं से युद्ध कर रहा वृन्दा का पति जालन्धर मारा गया।भगवान विष्णु द्वारा छल किये जाने की जानकारी जैसे ही वृन्दा को लगी तो क्रोधित होकर उसने विष्णु भगवान को पत्थर होने का श्राप दे दिया और कहा जिस प्रकार तुमने छल पूर्वक मुझे पति वियोग दिया है उसी प्रकार तुम भी अपनी पत्नी के छल पूर्वक हरण होने पर पत्नी वियोग सहने के लिए मृत्यु लोक में जन्म लोगे।उनके श्राप के प्रभाव से विष्णु भगवान शालिग्राम पत्थर बन गये।भगवान ने कहा यह तुम्हारे सतीत्व का ही फल है कि तुम तुलसी बनकर मेरे साथ रहोगी और मनुष्य मेरे साथ तुलसी शालिग्राम का विवाह उत्सव मनायेंगे। व्यास जी ने कहा कि सदाचारियों का यह परम् कर्तव्य है श्रेष्ठ धर्म का अनुपालन कर मानव जीवन में अहंकार का परित्याग करे ।मानव जीवन में अहंकार ही व्यक्ति के पतन का कारण बनता है।हम सभी सौभाग्यशाली हैं जो हमें भगवान के कथा चरित्र को सुनने अवसर प्राप्त हो रहा है।माता पिता की सेवा करना एवं सनातन धर्म की रक्षा करना हमारे आदर्श व संस्कार हैं। भगवान ने विश्वमोहिनी के प्रति आकर्षित नारद मुनि के अहंकार को दूर कर उनके हितों की रक्षा की है।पूज्य श्री ने आगे की कथा में भगवान राम के जन्म लेने के कारणों का वर्णन करते हुए मनमोहक भजनों के साथ श्रीराम जन्मोत्सव का सुंदर कथा चरित्र का वर्णन किया। जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भये अनुकूल।चर अरु अचर हर्षजुत राम जनम सुखमूल ।। “जिसे श्रवण कर लेने से ही मिट जाती है जनम जनम की व्यथा वह है राम कथा जय श्री राम कथा” कई भजनों व सुंदर दोहे चौपाइयों को सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। इस कथा को सुनने ग्रामवासी सहित आसपास के गाँव के भक्तजन भी बड़ी संख्या में पहुँच कर कथा का रसपान कर रहे हैं।वहीं कथा में महिलाएं पुरुष बच्चे एवं वृद्धजन विशेष भागीदारी निभा रहे हैं और कथा व सुंदर सुंदर झांकियों का आनन्द उठा रहे हैं।

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