मुंगेली में कुसुम पावर प्लांट हादसा: 5-7 लोग चिमनी गिरने से दबे, 3 लापता
मुंगेली राजेश खन्ना की रिपोर्ट,
सरगांव थाना क्षेत्र में स्थित कुसुम इस्मेल्टर्स स्टील प्लांट में बड़ा हादसा, कर्मचारियों ने लापरवाही का लगाया आरोप।
मुंगेली, छत्तीसगढ़: गुरुवार को मुंगेली जिले के रामबोर्ड गांव स्थित कुसुम पावर प्लांट में एक बड़ा हादसा हो गया। प्लांट की चिमनी गिरने से लगभग 5-7 लोग दब गए, जिनमें से 3 लापता हैं। दो घायलों को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। हादसा सरगांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुआ और घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
हादसे की स्थिति और रेस्क्यू ऑपरेशन
बताया जा रहा है कि प्लांट में भारी सैलो (चिमनी) गिरने से यह हादसा हुआ। रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुटी हुई है। प्रारंभिक जांच के अनुसार चिमनी गिरने की वजह प्लांट के अंदर रखी मशीनों और संरचना की समय पर मरम्मत और जांच न होना बताया जा रहा है।
प्लांट कर्मचारियों ने इस घटना के लिए प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि प्रबंधन ने मशीनों की नियमित जांच और देखरेख में लापरवाही की है। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों और कर्मचारियों ने घटनास्थल पर प्रदर्शन किया।
प्रदूषण और प्रबंधन की लापरवाही का मुद्दा
यह हादसा बिलासपुर-रायपुर हाईवे के पास मनियारी नदी के किनारे स्थित कुसुम प्लांट में हुआ। क्षेत्रवासी पहले से ही प्लांट के प्रदूषण और सुरक्षा उपायों की कमी को लेकर शिकायत करते रहे हैं।
प्लांट में हाल ही में विस्तार कार्य चल रहा था। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि इस विस्तार कार्य में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई। उन्होंने कहा कि प्रबंधन ने समय पर मशीनों की मरम्मत नहीं कराई, जिसके चलते यह दुर्घटना हुई।
स्थानीय लोगों की मांग: उच्चस्तरीय जांच और मुआवजा
घटना के बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और प्रभावित परिवार घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने प्लांट प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए और उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्लांट से लगातार प्रदूषण हो रहा है, जिससे गांव में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। इस हादसे के बाद प्रदूषण और सुरक्षा के प्रति प्रबंधन की उदासीनता एक बार फिर सवालों के घेरे में है। प्रभावित परिवारों ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए। छत्तीसगढ़ सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। स्थानीय विधायक ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
हादसा: बढ़ते उद्योगों की कीमत
यह हादसा औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी का एक और उदाहरण है। प्रदूषण और हादसों के चलते स्थानीय लोगों का जीवन कठिन होता जा रहा है। इस घटना ने सरकार और प्रशासन को औद्योगिक सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत को उजागर किया है।
घटना के मुख्य बिंदु
घटना स्थल: कुसुम पावर प्लांट, रामबोर्ड गांव, मुंगेली।
घटना का कारण: चिमनी गिरना, मशीनों की समय पर मरम्मत न होना।
हादसे में हताहत: 5-7 लोग दबे, 3 लापता, 2 गंभीर रूप से घायल।
स्थानीय मांगें: उच्चस्तरीय जांच, दोषियों पर कार्रवाई, मुआवजा।
स्थानीय लोगों के आरोप
प्लांट में प्रदूषण और सुरक्षा नियमों की अनदेखी।
प्रबंधन की लापरवाही और मशीनों की समय पर जांच न होना।
प्लांट विस्तार में जल्दबाजी के चलते हादसा।
प्लांट को बंद करने की मांग।
कुसुम पावर प्लांट हादसा न केवल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि औद्योगिक सुरक्षा उपायों की कमी की ओर भी इशारा करता है। प्रशासन और सरकार को चाहिए कि वे इस मामले की गहराई से जांच करें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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