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क्या महापौर के नाम तय होते ही पुरानी यादें (जख्म) हुए हरे?

नाम तय होते ही पुरानी यादें (जख्म) हुए हरे


भारतीय जनता पार्टी ने बिलासपुर में महापौर प्रत्याशी घोषणा करते ही अब यह चर्चा हो रही है कि एक वोट से दो महापौर मिलेंगे प्रत्याशी का पति खूब सक्रिय था ऐसे में जब महापौर बनेगी तो मुख्य भूमिका में उनके पति ही नजर आएंगे जब नगर निगम के सामान्य सभा का नेतृत्व करते थे तब निगम के कर्मचारियों द्वारा बांग्ला ड्यूटी का भंडाफोड़ हुआ था पीड़ित कर्मचारियों ने तो यह आरोप लगाया था की बांग्ला ड्यूटी ही नहीं उनसे ईट भट्ठा ड्यूटी भी कराई जा रही थी,जांच उपरांत ऐसे 70 कर्मचारी मिले थे, जो आयुक्त के यहां से लेकर विभिन्न प्रभावशाली जनप्रतिनिधियों और निगम के अधिकारियों के घर पर चकरी किया करते थे उस समय सभापति का जलवा देखने लायक हुआ करता था पूर्व के समाचारों को देखने पर पता चलता है कि अपने समर्थकों को बगैर कार्यवाही थाने से लेकर चले जाना भी एक से अधिक बार हुआ तब और अब में अंतर केवल इतना है कि उस समय भैया नगरीय निकाय मंत्री थे अब नहीं है पर संकेत यह भी है कि नगरीय निकाय चुनाव के बाद भैया की ताजपोसी तय है।

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