मां जगत जननी देवी दुर्गा की उपासना विभिन्न रुपो मेें भक्तो द्वारा की जाती है।देवी मां की उपासना के लिए नवरात्रि का पर्व सबसे महत्वपूर्ण माना जाता हैं। इस साल नवरात्रि की शुरुआत 07 अक्टूबर से होने जा रही है,। वहीं इसका समापन 15 अक्टूबर को किया जाएगा. नवरात्रि के पर्व पर भक्तो द्वारा विशेष पूजा पाठ,कठौर नियम अपनाएं जाते हैं । जिसमेें जैसी श्रद्धा होती हैं वैसी ही वह भक्ति करता हैं|
नवरात्रि का पर्व शक्ति की आराधना कर शक्ति प्राप्त करने का पर्व हैं।नवरात्रि का हर दिन और रात शक्तिमय होती हैं। जहां लोग विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान कर शक्तियां क्ज्ञ आवाहन करते हैं। शक्ति का साक्षात्कार भी साधको को होते है। इसी दौरान गांव और शहरो में देवी मां कें दरबार में खासी भीड़ होती हैं जो देर रात तक चलती है। देवी मां की निश्चल साधना करने से अनेक प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पूरे नौ दिनों में मां के 9 अलग अलग रुपो में पूजन किया जताा हैं। सभी देव शक्तियों के शक्तिपुंज को मां दुर्गा कहा गया है। मां दुर्गा को माता पार्वती का रुप माना जाता है। नवरात्रि के दौरान विधि-विधान से मां दुर्गा की उपासना की जानी चाहिए. । माता नियमों का पालन करने वालों से जल्दी प्रसन्न होती है। उन्हें सुख, समृद्धि और सफलता प्रदान करती हैं।
नौ दिन में नो देवियों का होगा पूजन
इस साल नवरात्रि 07 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक रहेगी। इस दौरान देश भर में भक्त नवरात्रि का उत्सव धूमधाम मनाया जायेगा। नवरात्रि 7 अक्टूबर गुरुवार प्रथम दिन मां शैलपुत्री का पूजन घटस्थापना के साथ शुरु होगा।दूसरे दिन मां ब्रहमचारिणी,तीसरे दिन मां चंद्रघंटा ,चौथे दिन मां कुष्मांडा,पांचवे दिन मां स्कंदमाता,नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी,सातवे दिन कालरात्रि,आठवे दिन महागौरी और नौवे दिन मां सि़़द्वीदात्री का पूजन किया जाता है।
नौ दिन में नो देवियों का होगा पूजन
इस साल नवरात्रि 07 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक रहेगी। इस दौरान देश भर में भक्त नवरात्रि का उत्सव धूमधाम मनाया जायेगा। नवरात्रि 7 अक्टूबर गुरुवार प्रथम दिन मां शैलपुत्री का पूजन घटस्थापना के साथ शुरु होगा।दूसरे दिन मां ब्रहमचारिणी,तीसरे दिन मां चंद्रघंटा ,चौथे दिन मां कुष्मांडा,पांचवे दिन मां स्कंदमाता,नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी,सातवे दिन कालरात्रि,आठवे दिन महागौरी और नौवे दिन मां सि़़द्वीदात्री का पूजन किया जाता है।
नियमो का पालन जरुरी हैं
मां दुर्गा की प्रसन्नता के लिए साधको द्वारा कठोर तप किया जाता है। पूजा स्थान को सबसे पहले साफ करे गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें शरीर की शु़़दघता के साथ साफ वस्त्रो को धारण करे। उपवास के दौरान पर्याप्त पानी पीते रहे। फलाहार में फल ही ले रसयुक्त फल उचित होते हैं जो शरीर के तापमान को बनाए रखते हैं। जितनी अपनी क्षमता हो उतना ही उपवास करे नही तो पहले और आखरी दिन का उपवास करे। रोज कन्या भोजन करा सकते हैं नही तो अष्टमी के दिन भोजन कर दे। अगर आप ये नही कर सकते तो जहां कन्या भोज हो रहा है वहां पर कच्चा सामान भिजवा दे। रोज पूजा घर में छोटी छोटी कन्याओ का पूजन करें और उन्हे दक्षिणा और लाल चुनरी भेंट करें। नौ दिनो में किसी से विवाद न करें,,धूम्रपान मांसाहार शराब का सेवन न करें नही तो मां की कृपा की जगह दंड भी मिल सकता है।
मां दुर्गा की प्रसन्नता के लिए साधको द्वारा कठोर तप किया जाता है। पूजा स्थान को सबसे पहले साफ करे गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें शरीर की शु़़दघता के साथ साफ वस्त्रो को धारण करे। उपवास के दौरान पर्याप्त पानी पीते रहे। फलाहार में फल ही ले रसयुक्त फल उचित होते हैं जो शरीर के तापमान को बनाए रखते हैं। जितनी अपनी क्षमता हो उतना ही उपवास करे नही तो पहले और आखरी दिन का उपवास करे। रोज कन्या भोजन करा सकते हैं नही तो अष्टमी के दिन भोजन कर दे। अगर आप ये नही कर सकते तो जहां कन्या भोज हो रहा है वहां पर कच्चा सामान भिजवा दे। रोज पूजा घर में छोटी छोटी कन्याओ का पूजन करें और उन्हे दक्षिणा और लाल चुनरी भेंट करें। नौ दिनो में किसी से विवाद न करें,,धूम्रपान मांसाहार शराब का सेवन न करें नही तो मां की कृपा की जगह दंड भी मिल सकता है।
Sanjeev singh Address bhartiya nagar bilaspur 7000103836