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अंतराष्ट्रीय स्टैंडबाल मे इंडिया के जीत पर खिलाड़ियों का सिरगिट्टी क्षेत्र में हुआ सम्मान।

 

यादव समाज के युवाओं ने कराया खिलाडियों को ढोल ताशे के साथ नगर भ्रमण।


बिलासपुर नेपाल में 28 से 31 जनवरी तक आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्टैंड बॉल चैंपियनशिप में इंडिया स्टैंडबॉल महिला पुरुष ने जूनियर सीनियर दोनो वर्गो में जीत हासिल कर चैम्पियनशिप पर कब्जा किया है।शनिवार को सभी खिलाड़ी बिलासपुर के उसलापुर स्टेशन से उतरकर सीधे सिरगिट्टी तारबाहर फाटक पहुचें जहां यादव समाज सिरगिट्टी के दो दर्जन से अधिक युवाओं ने फूल माला ढोल ताशे के साथ भारत माता के जयकारे,जय हिंद के उद्घोष के साथ उनका नगर भ्रमण कराते खिलाड़ियों को उनके निवास तक ससम्मान पहुंचाया इस दौरान जगह जगह खिलाड़ियों का फूल माला व आरती कर उन्हे सम्मानित किया गया।इस दौरान खिलाड़ी व उनके अभिभावक भावुक होकर खुशी के आशू रोक नही पायें। स्टैण्ड बॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी जाविद अली ने बताया कि बिलासपुर में जन्मा यह खेल 2008 से शुरू हुआ और अथक प्रयास के बाद पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेला गया जिसमें नेपाल के पोखरा में स्थित सैनिक आवासीय महाविद्यालय में यह प्रतियोगिता आयोजित हुई।

जिसमे पहले दिन इंडिया ने बांग्लादेश को 4-2 और भूटान को 6-1 से हराकर फाइनल में जगह बनाई नेपाल की दोनो टीम को 4-2/3-2 से शिकस्त देकर भारत स्टैण्ड बॉल टीम चैम्पियन बनी भारत की और से कप्तान गिरीश कश्यप को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। इस प्रतियोगिता को सफल बनाने में फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ अरविंद चित्तोडिया और कोषाध्यक्ष डॉक्टर शाज़िया अली खान ने सहयोग दिया और कहा कि हम प्रयासरत है कि स्टैण्डबॉल खेल को अपनी पहचान मिले साथ ही इसे स्कूल गेम्स और विश्वविद्यालय में जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

पुरुष वर्ग से इन खिलाड़ियों ने कराया जीत हासिल

पुरुष वर्ग में कप्तान गिरीश कश्यप, विष्णु यादव,ईशु निर्मलकर,सौरव यादव,नरेश यादव,विकास दास, वासुदेव श्रीवास,अर्पित,अमन, आदित्य रजक,दिनेश,डी सुरेश,वीर पांडे,अभ्युदय।

महिला वर्ग से इन खिलाडियों ने दर्ज कराया जीत

महिला वर्ग कप्तान कल्पना ठाकुर, पुष्पलता यादव, आरम अली खान, जय श्री हमने, पूजा नीति,रुकमणी मरकाम, प्रिया पाल, मुस्कान सुखदाम,पूजा मैहर।

विडम्बना यह है की भारत के लिए इतने बड़े प्रतिनिधित्व कर उपलब्धी हासिल करने पर भी इस दौरान न तो कोई जिम्मेदार शासन-प्रशासन के अधिकारी की मौजूदगी रही और नाही खिलाडियों को ससम्मान जनक उनके घरो तक पहुंचाने की किसी प्रकार व्यवस्था रही।

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