[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="यह खबर हिंदी आडिओ में सुने "]

निर्वाचन घोटाले मामले में न्याय में हो रही देरी माननीय न्यायालय मुंगेली द्वारा नही की जा रही कार्यवाही ,,,,

 

मुंगेली – बता दें कि मुंगेली जिले में वर्ष 2018 में निर्वाचन टेंडर प्रक्रिया मामले में न्यायालय में परिवाद दायर किया गया था जिसमे आवेदक द्वारा जो कार्य किया गया था उसकी राशि भुगतान नहीं कि गई थी, जिसके कारण शासन स्तर से कई बार जाच के लिए शिकायत की गई शिकायत पर उचित कार्यवाही नहीं होने के कारण ततपश्चात आवेदक के द्वारा मुंगेली न्यायालय में परिवाद दायर किया गया था जिसमे आज दिनांक तक कार्यवाही नहीं हो पा रही है, जिससे कि न्याय मिलने में देरी हो रही है, जिसके कारण आवेदक हताश हैं, बता दें कि हाईकोर्ट में भी न्यायालय इस मामले में संज्ञान लेते हुए शासन से उचित जाच व कार्यवाही हेतु पत्र जारी किया गया था लेकिन अबतक इस मामले मे कार्यवाही नहीं हुई है ,

50 हजार की अमानत राशि की नही की जा रही वापसी आवेदक द्वारा पुनः किया गया परिवाद पेश

– बता दें कि आवेदक के द्वारा जब टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया गया था तब आवेदक द्वारा अमानत राशि दी गई और टेंडर कार्य पूरा किया गया लेकिन भुगतान अन्य व्यक्ति को कर दिया गया जब आवेदक ने अमानत राशि को वापस करने की मांग की गई लेकिन निर्वाचन अधिकारीयो द्वारा बार बार आवेदक को घुमाया गया कि आपकी राशि को भुगतना नही किया जा सकता जब आवेदक न पत्र के माध्यम से इसकी जानकारी ली तब उन्होंने लिखा कि माननीय न्यायालय में प्रकरण लम्बित हैं इसलिए अमानत राशि 50 हजार नही दी जा सकती है, लेख किया गया है जो कि नियम विरुद्ध हैं, जबकि आवेदक हताश व आर्थिक रूप से परेशान है जिसके कारण भ्रष्टाचार करने वालो का हौसला बुलंद हो गया है, इस पूरे मामले में उपजिला निर्वाचन अधिकारी नवीन भगत ,जेरोम बड़ा ,सौरभ पांडे के विरुद्ध पुनः मुंगेली जिले में परिवाद दायर किया गया है अब देखने वाली बात यह है कि इसमें कबतक सुनवाई व उचित कार्यवाही होती हैं।

निर्वाचन जैसे प्रमुख चीजो में न्याय व्यवस्था तत्काल होनी चाहिये –
बता दें कि न्यायालय के द्वारा इस मामले में गम्भीर होकर तत्काल निर्णय लेना चाहिए निर्वाचन कार्यप्रणाली पर कई राजनीतिक दलों के द्वारा देश में वाद विवाद करते हैं, लेकिन इस प्रकार की घोटालों के पुख्ता सबूत न्यायालय में देने के बाद भी कार्यवाही नहीं कि जा रही हैं, इससे न्यायालयीन कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में है, ऐसे मामलों में तत्काल कार्यवाही होनी चाहिये निर्णय तत्काल लेना चाहिए ताकि लोगो को न्यायपालिका पर भरोसा हो सके यू तो इस मामले में आवेदक को कई प्रकार से परेशान किया जा रहा है हमला करवाकर, अमानत राशि न देते हुए आर्थिक रूप से व पेशी ऊपर पेशी व किसी प्रकार का ठोस निर्णय न लेने के कारण आवेदक पूरी तरीके से परेशान हैं,बता दें कि इसी घटना के श्रृंखला बद्ध प्रथम अपराध के लिए माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा आपराधिक रीट याचिका पंजीकरण कर तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी भूरे व अन्य ….. लोगों को नोटिस जारी किया गया है। जिसका याचिका क्रमांक 1544/2022 हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *