बिलासपुर -:- दुनिया में हो रहे जलवायु परिवर्तन को देखते हुए कृषि उत्पादक को स्थिर बनाने की आवश्यकता है, इसके लिए प्राकृतिक संसाधन जैसे मृदा एवं जल की गुणवत्ता,उपलब्धता पर निर्भर किया जाता है | पर्याप्त स्थिति असामान्य उपायों का इस्तेमाल कर कृषि विकास को दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण कर और सतत प्रयोग को बढ़ावा देकर संधारणीय बनाया जा रहा है | भारतीय कृषि में तक़रीबन 60 प्रतिशत का विशुद्ध बुवाई वर्षा सिंचित क्षेत्र मौजूद है, तथा 40 प्रतिशत खाद्यान्न उत्पादन का भी योगदान प्रदान करती है |इसलिए वर्षा वाले क्षेत्रों में कृषि के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण देश में बढ़ती हुई खाद्यान्नों की मांग को पूरा करने की कुंजी है | इसे देखते हुए ही देश की सरकार द्वारा राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (NMSA) को तैयार किया गया है | इसमें एकीकृत खेती,जल प्रयोग कौशल मृदा स्वास्थ प्रबंधन और संसाधन संरक्षण आदि को विस्तृत करने की और ध्यान केंद्रित किया जायेगा, जिससे वर्षा सिंचित क्षेत्रों में कृषि उत्पादकता को बढ़ाया जा सके |
इसी कड़ी में जिले के ग्राम कल्मीटार में 45 किसानों और पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बकरी का वितरण जिला पंचायत अध्यक्ष चौहान,जिला सभापति अंकित गौरहा के द्वारा किया गया,
इस कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य गोदावरीबाई कमलसेन,भूपचंद शुक्ला,जनपद अध्यक्ष कोटा मनोहर राज,वासुदेव उपाध्याय व ग्रामवासी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें।
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