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सहायक शिक्षक फेडरेशन द्वारा BEO पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद।

चिकित्सा अवकाश, अर्जित अवकाश न देते हुवे वेतन कटौती किया जाता है तथा नवीन वेतनमान नहीं दिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ प्रादेसिक मानव संसाधन विकास समिति के जिला अध्यक्ष श्री कृष्णा पाण्डेय द्वारा beo गौरेला से इसकी जानकारी ली गई जिस पर उन्होंने कहा की
सर्वे के समय पर कई सिक्षक मेडिकल लगा कर काम चोरी कर रहें थे जिसमे त्रुटि पाते हुवे माननीया कलेक्टर महोदया ने ही मेडिकल अवकाश बंद करा दिए थे तथा आवश्यक जानकारी मिलने पर सभी को अवकाश दिया गया है परन्तु निश्चित नियमानुसार ही कार्यवाही होना तय किया गया है 21दिन पूर्व आवेदन देने की प्रक्रिया होती है लोग 5दिन पूर्व ही आवेदन दे कर भागना चाहते थे जिस पर अंकुश लगाई गई है
दूसरा यह कि पे डाटा के आधार पर ही वेतन वेतन बनाया जाता है कोई कटौती नहीं कि जाती है अगर कोई सिक्षक महीने में 26दिन ड्यूटी किया तो उसका वेतन 30दिन का कैसे और किस हिसाब से बनाया जाये फिर उन्होंने कहा कि पदोन्नति किये कर्मचारी सीधे जा कर ज्वाइन कर लिए है उनका कोई सेवा पुस्तिका beo ऑफिस में जमा नहीं किया गया इस स्थिति में नवीन वेतनमान में जिम्मेदारी स्वयं उस कर्मचारी कि है beo ऑफिस कि नहीं.
सहायक /समग्र शिक्षक फेडरेसन के ब्लॉक अध्यक्ष अमिताभ चटर्जी द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को दिया गया ज्ञापन भ्रामक व तथ्य हिन् है. वेतन रोकने को कहना औचित्य हीन है शासन के कार्य में शासन के नियमानुसार ही कार्यवाही होगी हम किसी के दबाव या कहने पर शासन के नियमों को तक में रख कर कार्य नहीं होने देंगे. और शिक्षा विभाग के आधीकारी होने के नाते हम मनमानी नहीं करने देंगे
beo गौरेला ऑफिस कर्मचारी मिना मरावी 28नवम्बर 22से 26मई 23तक अवकाश पर रही है जिससे कर्मचारी कम होने पर थोड़ा धीरे कम हुवा पर नियमानुसार ही कम हुवा है और नियमानुसार ही कार्य होगा
यह कथन डॉ संजीव शुक्ला beo गौरैला का है जो उन्होंने स्पस्ट कहा कि शासन के नियमों को पालन करते हुवे कार्य कि जा रही है

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