संवाददाता शेख असलम
इस घोर कलयुग के बाद सतयुग का आना निश्चित है: बीके मंजू
परमात्म ज्ञान के आधार पर श्रीमद्भगवद्गीता के अध्ययन से सभी गूढ रहस्यों से परदा उठ जाता है
शिव अनुराग भवन में आज शाम से श्रीमदभगवदगीता का विधिवत शुभारम्भ
बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोर नगर मे श्रीमद्भगवद्गीता पर प्रवचन जारी रखते मंजू दीदी ने कहा कि यह शास्त्र गृहस्थियो के लिये है। समर्पित होने के बाद हमारी गृहस्थी और बडी हो जाती है जब विभिन्न परिवारों से आकर समर्पित बहने एक परिवार की तरह रहती है। आगे कहा कि आप सभी भी अब इस अलौकिक परिवार का सदस्य बन चुके है।
कल के एक प्रश्न पर चिंतन करते कहा कि द्वापर के बाद कलयुग भले ही आया पर इस घोर कलयुग के बाद सतयुग का आना निश्चित है। गीता मे वर्णित युद्ध हिंसक नही है इसके प्रमाण मे शोध मे एक अक्षौहिणी सेना मे 21870 रथ, 21870 हाथी, 65610 घुड़सवार, 109350 पैदल प्रत्येक रथ एवं हाथी मे एक एक योद्धा। यह भी कहा जाता है,कि महाभारत युद्ध मे एक अरब छैसठ करोड बीस हजार योद्धा मारे गये जो कि आज भारत की जनसंख्या से अधिक है। इस प्रकार स्पष्ट है कि कुरुक्षेत्र के मैदान मे इतनी विशाल सेना की उपस्थिति अकल्पनीय है।
दीदी ने कहा कि पूरा विश्व कुरुक्षेत्र अर्थात कर्मक्षेत्र है और पुरा विश्व इस परिवर्तन मे प्रभावित होता है। यह संगमयुग ही महाभारत काल है जब परमात्मा अवतरित होकर विकर्मो पर विजय प्राप्त करने का ज्ञान दे रहे है। आगे कहा कि इस जन्म किया गया श्रेष्ठ कर्म पूरे कल्प अर्थात 5000 वर्षो तक सम्मान प्राप्त करने का अधिकारी बनाता है। परमात्मा कहते है जिस प्रकार पितरो की आत्मा आह्वान करने पर ब्राह्मण के शरीर मे प्रवेश कर सकती है उसी प्रकार मै भी परकाया प्रवेश कर अपना कर्तव्य कर रहा हू। आगे कहा कि श्रेष्ठ स्वमान मे रहने वालों को परमात्मा और ईश्वरीय परिवार की दुआएं मिलती रहती है और यही दुआएं आगे बढाती रहती है।