पखांजूर-इसाई मिश्नरियों द्वारा आदिवासियों का हो रहे धर्मान्तर तथा पखांजूर में मसीही क्रब्रिस्तान के लिए जमीन आवंटन के विरोध में आज सर्व आदिवासी समाज द्वारा पखांजूर मे रैली निकाल ज्ञापन सौंपा गया। रैली निकालने के पूवर् समाज के लोग पखांजूर स्थित गोंडवाना भवन में एकत्र हुए और इन मुददों को ले बैठक का आयोजन किया जिसमें परलकोट क्षेत्र के सभी गांव से समाज के लोग एकत्र हुए थे। इस बैठक के बाद नगर में रैली निकाली गई और अनुविभागीय अधिकारी पखांजूर को ज्ञापन सौंपा गया। समाज द्वारा दिनांक 21 अगस्त को पुनः इसी मांगों को ले कर नगर पंचायत पखांजूर में बड़ा आंदोलन करने की घोषणा भी की गई।
क्षेत्र में ईसाइ मश्निरियों का विरोध बढ़ने लगा है। कुछ दिन पूर्व पखांजूर नगर पंचायत में मसीही क्रबिस्तान के लिए भूमि का आवंटन करने के विरोध में बंग समाज सड़क पर उतरा था तो अब इसी मांग को ले कर आदिवासी सामज भी उतर गया है। आज सर्व आदिवासी समाज द्वारा पखांजूर में मसीही समाज को क्रबिस्तान के लिए भूमि आंवटन करने के विरोध में रैली निकाली गई और पखांजूर अनुविभागीय अधिकारी कायार्लय पहुंच तहसीलदार पखांजूर को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में पखांजूर में मसीही समाज के क्रबिस्तान के लिए आंवटित भूमि का आवंटन निरस्त करने की मांग की गई। इस अवसर पर पूवर् विधायक भोजराज नाग भी उपस्थित रहे उनके द्वारा बताया गया की प्रशासन द्वारा 15 अगस्त के पूवर् ठोस कायर्वाही करने का आश्वासन दिया था पर अब तक कुछ नहीं किया है अब इसके विरोध में आदिवासी समाज भी उतर आया है। अगर मांगों को पूरा नहीं किया गया तो दिनांक 21 अगस्त को पखांजूर में सर्व आदिवासी समाज द्वारा बड़ा आंदोलन किया जाऐगा। इस अवसर पर उपस्थित आदिवासी समाज के प्रवक्ता लक्ष्मण मंडावी, ने बताया की प्रति दिन ईसाई समाज का दखल आदिवासी समाज में बढ़ता जा रहा है पैसे आदि का प्रलोभन दे आदिवासियों का धर्म परिवतर्न कराया जा रहा है। वतर्मान में प्रशासन द्वारा उनके लिए भूमि आंवटन कर अप्रत्यक्ष रूप से उनके इस कार्य का समथर्न कर रहा है यही कारण है की आदिवासी समाज इस भूमि आंवटन के विरोध में उतरा है। इस अवसर पर सवर् आदिवासी समाज के अध्यक्ष सुरेश कतलामी, सुकु कडियाम, सुखरंजन उसेंडी, बिरसु किरंगा, गज्जू दुग्गा, सुकालू उसेंडी, भूपेश सोढ़ी, हरिचंद बडडे, मंगल साय, मोहन दुग्गा, संतोष कोरचा सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के गायता पूजारी तथा ग्रामीण उपस्थित रहे।