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गुरु घसीदास विश्वविद्यालय का दसवां दीक्षांत समारोह 01 सितंबर को, राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू होंगी मुख्य अतिथि।

सीयू का दसवां दीक्षांत समारोह 01 सितंबर को, राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू होंगी मुख्य अतिथि।
बिलासपुर। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) का दसवां दीक्षांत समारोह दिनांक 01 सितंबर, 2023 को सुबह 10 बजे रजत जयंती सभागार में आयोजित होगा। दसवें दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि भारत गणराज्य की माननीया राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू होंगी। माननीया राष्ट्रपति  के मुख्य आतिथ्य स्वीकार करने एवं विश्वविद्यालय में पधारने की सूचना से समूचे विश्वविद्यालय परिवार में हर्ष एवं उत्साह का वातावरण निर्मित हो गया है। उल्लेखनीय है कि माननीया राष्ट्रपति महोदया गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) की विजिटर भी हैं।
समारोह की भव्यता एवं गरिमा को दृष्टिगत रखते हुए विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने दसवें दीक्षांत समारोह की तैयारियों की समीक्षा बैठक की। बैठक में कुलसचिव सहित दसवें दीक्षांत समारोह के संयोजक प्रो. विशन सिंह राठौड़, सह-संयोजक प्रो. एम.एन. त्रिपाठी व परीक्षा नियंत्रक श्री एच.एन. चौबे सहित विभिन्न समितियों के समन्वयक उपस्थित रहे।
कुलपति प्रो. चक्रवाल को विभिन्न समितियों के समन्वयकों ने कार्य योजना एवं अब तक की तैयारियों के विषय में जानकारी प्रदान की। उन्होंने तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह को सफलतापूर्वक आयोजित करने में अपना सक्रिय एवं सकारात्मक सहयोग प्रदान करें। कुलपति प्रो. चक्रवाल ने समारोह स्थल, विश्वविद्यालय परिसर में जारी निर्माण कार्य एवं अन्य कार्यों को दृष्टिगत रखते हुए संयोजक, सह-संयोजकों एवं समन्वयकों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये।
दसवें दीक्षांत समारोह में शैक्षणिक सत्र 2021-22 की विभिन्न परीक्षाओं (स्नातक, स्नातकोत्तर व पत्रोपाधि) में मेरिट सूची में प्रथम स्थान पाने वाले विद्यार्थी शामिल होंगे। साथ ही वह शोधार्थी जो 01 जनवरी, 2022 से 31 दिसंबर, 2022 के मध्य़ पीएचडी उपाधि हेतु पात्र गये हैं, शामिल होंगे। दीक्षांत समारोह का रिहर्सल दिनांक 31 अगस्त, 2023 को सुबह 11 बजे से आयोजित होगा।
दसवें दीक्षांत समारोह में 28 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि तथा 76 विद्यार्थियों को स्वर्ण मंडित पदक प्रदान किये जाएंगे। जिनमें विश्वविद्यालय पदक, चांसलर पदक एवं गुरु घासीदास विश्वविद्यालय पदक तथा दानदाता पदक शामिल हैं।

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